सरफ़राज़ ख़ान
नई दिल्ली. प्रकृति के नियमों को अपनाकर व्यक्ति स्वस्थ जीवन बिता सकता है। किसी भी तरह का इस्तेमाल, गलत इस्तेमाल या अतिरिक्त इस्तेमाल नुकसानपरक होता है। अगर गर्भाशय में बच्चा जनने का प्रयोग नहीं हुआ तो इससे फाइब्रॉयड टयूमर उत्पन्न होता है या फिर बहुत से बच्चे पैदा करने से कैंसर भी हो सकता है। ऐसा ही दवाओं के साथ होता है। अगर कोलेस्ट्रॉल उच्च हो तो इससे हार्ट अटैक हो सकता है और अगर कोलेस्ट्रॉल बहुत कम है तो यह कैंसर की वजह बन सकता है।
जर्नल ऑफ अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन का हवाला देते हुए हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल के मुताबिक़ ने बताया कि एंटी कोलेस्ट्रॉल ड्रग्स लेने से कोलेस्ट्रॉल नॉर्मल से कम हो जाता है जिससे हल्की कैंसर की आशंका रहती है। इसलिए यह जरूरी है कि कोलेस्ट्रॉल सम्बंधी दवाएं मेडिकल सुपरविजन में ही दी जाएं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एंटी कोलेस्ट्रॉल ड्रग्स ओवर द काउंटर मिलती हैं और ऐसा अपने देश के लिए भी ठीक नहीं है।
अध्ययन में 13 शोधों को शामिल किया गया जिसमें ऐसे मामलों में कैंसर धीरे-धीरे पनपता है। कैंसर के मामले में पाए गए जो स्टेटिन का इस्तेमाल करते थे और एलडीएल बैड कोलेस्ट्रॉल के निम्नतम स्तर को हासिल कर चुके थे और उनमें किसी भी तरह के कैंसर से कोई ताल्लुक नहीं था।