सरफ़राज़ ख़ान
बच्चों में ज्यादातर एलर्जी की समस्या घर पर होती है और इनमें से अधिकतर की वजह मूंगफली या काजू होते हैं और इनके इलाज में अक्सर देर हो जाती है।
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल  के मुताबिक़ एनाफ्लैक्सिस जानलेवा एलर्जी का रिएक्शन  होता है और यह कुछ मिनटों में ही हो जाता है। इम्यून सिस्टम से हिस्टैमाइन निकलता है जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है और दिल को धक्का लगता है। एनाफिलैक्सिस की आम वजह भोजन, दवाएं या कीड़ों के काटने की वजह से होता है।
जर्नल एलर्जी में प्रकाशित अध्ययन में डॉ. मिमी के टांग ने रोयल चिल्ड्रेन्स हास्पिटल, मेलबर्न और उसके साथियों ने 123 एनाफिलैक्टि रिएक्शन के मामलों की रपोर्ट जारी की जिसमें से 117 बच्चे 5 साल से अधिक समय से इसकी गिरफ्त में थे। इन बच्चों की औसतन उम्र 2.4 साल थी। इनमें से एक बच्ची की मौत हुई थी जो सात साल की जिसे मूंगफली से एलर्जी थी और उसने पीनट सैटय सॉस खाई थी। अधिकतर मामलों में से 48 फीसदी घरों में होते हैं और सभी में शुरुआती दौर में सांस लेने और त्वचा संबंधी समस्या होती है। आंत संबंधी ओर हृदय संबंधी असर भी आमतौर पर होता है। 
एलर्जी की रिएक्शन का औसतन समय 10 मिनट पाया गया और इसका उपचार हो पाने का औसतन समय 40 मिनट था।
भोजन इसकी प्रमुख वजह बना (85 फीसदी) मूंगफली के साथ (18 फीसदी) और काजू की वजह से 13 फीसदी मामले दर्ज किये गए। 6 फीसदी रिएक्षन के मामले ड्रग्स की वजह से दर्ज किये गए जबकि कीड़ों की काटने के मामले महज 3 फीसदी पाये गए।

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