सरफ़राज़ ख़ान
डेंगू
के मामलों में
थ्रॉम्बोसाइपइटोपेनिया यानी
प्लेटलेट की संख्या
में कमी आम
समस्या है और
इससे रक्तस्राव का
खतरा भी रहता
है। कई अध्ययनों
और खुद के
अनुभवों से यह
साबित होता है
कि प्रॉफीलैक्टिक प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन
डेंगू के वयस्क
मरीजों में फायदेमंद
नहीं होता।
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल
के मुताबिक़ रेट्रोस्पेक्टिव
पीडियाट्रिक
इंटेंसिव केयर पर
डॉ. ली डी
सी एंड ग्रुप
द्वारा पेश किये
गए अध्ययन में
जिसको 18वें यूरोपियन
कांग्रेस ऑफ क्लीनिकल
माइक्रोबायोलॉजी
एंड इंफेक्शन डिसीज, बार्सीलोना,
स्पेन में प्रस्तुत
किया गया; इसमें
दिखाया गया है
कि प्राफीलैक्टिक प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन
का फायदा तब
नहीं होता है
जब इनकी तादाद
30,000/यूएल
से कम हो।
अध्ययन
में दाखिल होने
वाले सभी डेंगू
के मरीजों में
रेट्रोस्पेटिक्वली पड़ताल
की गई। ऐसे
मरीज जिनको रक्तस्राव
नहीं हुआ ओर
उनकी प्लेटलेट की
तादाद घटकर 20,000/यूएल
से कम हो
गई, उसका अध्ययन
किया गया। प्रॉफीलैक्टिक
प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन को
प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन की
तरह परिभाषित किया
गया जिसमें रक्तस्राव
की समस्या नहीं
हुई और इसमें
पिटेची (स्किन ब्लीडिंग)
को अलग रखा
गया।
दाखिल
होने वाले मरीज
और चिकित्सीय आंकड़ों
के मुताबिक जब
मरीजों की प्लेटलेट
की संख्या घटकर
20,000/यूएल
से कम हो
गई तो उनकी
अन्य से तुलना
की गई। परिणामों
में जिनको मापा
गया, उनमें शामिल
हैं- प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन
के बाद किसी
भी तरह का
रक्तस्राव, अगले दिन
बढ़ने वाली प्लेटलेट
का औसत, प्लेटलेट
की तादाद 50,000/यूएल
के लिए औसत
समय, अस्पताल में
रुकने और होने
वाली मौत का
औसत समय।
1973 के
लैब में डेंगू
के मरीजों में 256
में थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया 20,000/यूएल से
कम हुई जिनमें
रक्तस्राव नहीं हुआ,
जबकि 188 ने प्रॉफीलैक्टिक
प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन को
अपनाया। आधारभूत, चिकित्सी
और लैब के विश्लेषण के
बाद प्लेटलेट का
तिगुना समान था,
सिर्फ ट्रांसफ्यूज्ड मरीजों में
फेब्राइल काफी अधिक (33
प्रतिशत बनाम 18 प्रतिशत)
दर्ज किया गया।
प्लेटलेट
ट्रांसफ्यूजन
वाले दिन औसत
प्लेटलेट 15,000/यूएल दर्ज
किया गया, जबकि
गैर ट्रांसफ्यूजन वालो
में यह 16,000/यूएल
दर्ज किया गया। 188
ट्रांसफ्यूज्ड
वालों में से 1 (0.5
फीसदी) में रक्तस्राव
की समस्यसा हुई
और 68 गैर ट्रांसफ्यूज्ड
वालों में यह
तादाद 2 (3 फीसदी) (पी
त्र 0.17) थी।
अगले
दिन प्लेटलेट के
बढ़ने का औसत
ट्रांसफ्यूज्ड
बनाम गैर ट्रांसफ्यूजन
वालों में 6000/यूएल
बनाम 13,000/यूएल दर्ज
किया गया जबकि
अगले तीन दिनों
में ओसत प्लेटलेट
का समय 50,000/यूएल
बनाम दो दिन
हो गईं। अस्पताल
में ठहरने का
समय और मौत
में कोई फर्क
नहीं देखा गया।