फ़िरदौस ख़ान
कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने आज गुजरात के पालनपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते कहा की राजनेताओं को जनता की आवाज़ सुननी चाहिए. उन्होंने कहा कि दो-तीन दिन पहले जब मैं गुजरात आ रहा था, जहाज़ में बैठा था. मैंने सोचा मैं गुजरात भाषण देने जा रहा हूं. गुजरात की जनता से बात करने जा रहा हूं. गुजरात ने मुझे क्या दिया? थोड़ी देर मैंने सोचा और जो मेरे दिमाग़ में आया, मैं आपको बताना चाहता हूं कि गुजरात ने इस देश के युवा को या तोहफ़ा दिया. कोई बता सकता है बताइए? आप बताइये? गुजरात ने क्या दिया मैं बताता हूं. जब मैं छोटा था, मेरे परिवार मैं जब हम भोजन खाते थे जब दादी मेरी ज़िन्दा थीं, पापा थे तो बातचीत चलती थी राजनीतिक बातचीत चलती थी. यहां क्या हो रहा है और फिर आज़ादी की लड़ाई के बारे में बातचीत चलती थी.  उन दिनों क्या हुआ? किसने क्या किया और गांधी जी के बारे में बातचीत चलती थी. दो दिन पहले मैंने भाषण में कहा, कहानी बताई कि जब मेरे परदादा जेल में थे गांधी जी हमारे इलाहाबाद में घर में रह रहे थे. मोती लाल जी घबराये हुए थे बाहर घूम रहे थे. रात का समय था चक्कर काट रहे थे कि मेरा बेटा बंद है जेल में. गांधी जी के कमरे से निकलने वाली लाइट बंद थी. अंदर देखा पलंग पर उनको कोई नहीं दिखाई दिया. लाइट ऑन की अंदर देखा गांधी जी जमीन पर सो रहे थे. पलंग पड़ा था कमरे में मगर गांधी जी फ़र्श पर सो रहे थे और मोती लाल जी ने गांधी जी से कहा यह आप क्या कर रहे हो कमरे में पलंग है रजाई है और यहां आप ठंडे फ़र्श पर क्यों सो रहे हो तो गांधी जी ने कहा जवहारलाल जेल में है, वो ठंडे फ़र्श पर सो रहा है, इसलिये मैं यहां ठंडे फ़र्श पर सो रहा हूं. गुजरात ने ये दिया है ये आपकी सोच है. गांधी जी क्या कहते थे, मैं युवा राजनेता हूं और मेरे पापा यहां आज नही हैं तो जब मेरे सामने मुश्किल होती है तो में ये सोचता हूं भाई कहां देखूं और मैं गांधी जी की किताबों में देखता हूं जब मुझे रास्ता नहीं दिखाई देता तो मैं उन किताबों में देखता हूं और रास्ता मुझे मिल जाता है. अब मैं आपको अपना नियम बताता हूं, जो हिंदुस्तान की राजनीति के सबसे बड़े गुरुजी थे वो गुजरात के थे महात्मा गांधी जी. उन्होंने जो नियम दिया है लोग कहते है कि राजनीति बहुत मुश्किल होती है. बहुत मुश्किल होती है. बिल्कुल ग़लत है. राजनीति से आसान बात कोई नहीं है, अगर आप नियम को ठीक से मानेंगे, तो नियम क्या है? नियम यह है कि हर आवाज़ को चाहे वो कितनी भी कमज़ोर हो हर आवाज़ को आप जाकर सुनो और हर आवाज़ को आप देश की प्रगति में शामिल करो और यह मेरा नियम नही है. यह मैंने नहीं सोचा यह गांधी जी ने सोचा है गीता में मिला उनको. और ये आपने दिया गुजरात की जनता ने दिया. गुजरात के इतिहास ने दिया. यह आपने हमें दिया और मुझे नहीं हर हिन्दुस्तानी युवा को. राजनीति करनी है जाओ जनता के बीच जाओ सुनो वो क्या कह रहे है. गुजरात में ग़रीबों की आवाज़ नहीं सुनाई देती, कमज़ोर लोगों की आवाज़ नहीं सुनाई देती, सिर्फ़ एक व्यक्ति की आवाज़ सुनाई देती है. वो सोचते हैं जो भी गुजरात में होता है वही करते हैं, जो प्रगति यहां आती है वही करते हैं. आपके हाथ में मोबाइल फोन है? दिखाओ? यह कौन लाया राजीव जी लाये, राजीव जी. इससे क्या हुआ क्रांति आई आपकी आवाज़ सुनाई दी. राजीव जी के साथ कौन खड़े थे सैम पित्रोदा. कहां के थे गुजरात के. आप काम करते हो पसीना देते हो और एक व्यक्ति गुजरात को आगे बढ़ाता है. अकेला और कोई नहीं है यहां पर। सिर्फ़ एक व्यक्ति है. पूरा ज्ञान है उनको सब चीज़ों के बारे में मालूम है उनको गुजरात को अकेले चलाते हैं. अच्छा मुझे बताओ पानी कितना मिलता है यहां, किसानों को कितना पानी मिलता है, अच्छा बिजली कितनी मिलती है? युवाओं को रोज़गार मिलता है? कहते हैं गुजरात चमक रहा है, कहते हैं भैया एक व्यक्ति ने गुजरात चमका दिया. देखिए राजनेता का काम है आम आदमी के सपने का समझना, आम आदमी के सपने को पकड़ना और अपने सपने नीचे रखकर उनके बारे में सोचना.

ईद मिलाद उन नबी की मुबारकबाद

ईद मिलाद उन नबी की मुबारकबाद

फ़िरदौस ख़ान की क़लम से

Star Web Media

ई-अख़बार पढ़ें

ब्लॉग

एक झलक

Followers

Search

Subscribe via email

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

साभार

इसमें शामिल ज़्यादातर तस्वीरें गूगल से साभार ली गई हैं