फ़िरदौस ख़ान
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज महाराष्ट्र के थाणे के पालघर में राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम की शुरुआत की. इस मौक़े पर जनसभा संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अभी-अभी मैं यहां के कुछ बच्चों से मिली हूं. उन्होंने मुझे दिखाया कि किस तरह से यहां के बीमार बच्चों की स्वास्थ्य सेवा हो रही है. मैं बहुत ही प्रभावित हुई हूं. उन सभी को बधाई देती हूं. मुझे बहुत ख़ुशी है कि आपके यहां से राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम की शुरुआत हो रही है. इसके लिए मैं आप सभी को मुबारकबाद देती हूं. आज बाल सुरक्षा कार्यक्रम की ज्योति यहां से शुरू हुई है. इसकी रौशनी और इसका संदेश देशभर में फैलेगा. इस नए कार्यक्रम का स्वरूप और आकार ऐसा है कि बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित बहुत से पहलू मज़बूत होंगे. यह योजना अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी. मैं चाहूंगी कि इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन बहुत अच्छा हो, जिससे की इसका प्रभाव हर घर तक पहुंचे. बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं. उनकी ख़ुशहाली हमारे राष्ट्र की बुनियाद है. इसीलिए कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के लिए बाल स्वास्थ्य और मां की सुरक्षा हमेशा से ख़ास रही है. इसी क्रम में ‘जननी सुरक्षा’ और ’जननी शिशु सुरक्षा’ जैसा कार्यक्रम शुरू किया है, जिसके बारे में अभी गुलाम नबी आज़ाद ने आपको समझाया. हमारा ज़ोर इस बात पर भी है कि देश में सबसे ज़रूरतमंद और पिछड़े इलाक़ों पर विशेष ध्यान दिया जाए. जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की सबसे ज़्यादा कमी है. इसीलिए बाल सुरक्षा कार्यक्रम की शुरुआत आपके इस क्षेत्र से हो रही है, क्योंकि यहां हमारे अदिवासी भाई-बहन ज़्यादा तादाद में बसे हैं. हमारी सरकार का प्रयास रहा है कि समाज कल्याण और मानव संसाधन विकास के लिए धनराशि की कमी न आए. पिछले सात वर्षों में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत हमने राज्य को 90 हज़ार करोड़ रुपये दिए हैं. महाराष्ट्र सरकार ने इसका पूरा लाभ कुशलता के साथ उठाया है, जिसके फलस्वरूप मां और शिशु मृत्युदर में कमी आई है. राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत 9 लाख आशा कार्यकर्ता ग्रामीण महिलाओं और बच्चों को स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचा रही हैं. और यह स्वयं सेवाएं ग्रामीण और प्रशासन के बीच महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुई है. पिछले दो वर्षों में दूरदराज के इलाक़ों में क़रीब 270 नर्सिंग स्कूलों को मंज़ूरी दी गई है और मुझे विश्वास है कि आदिवासी लड़कियां इन स्कूलों में नर्सिंग की ट्रेनिंग पाकर इस महान पेशे का अपनाएंगी. कुछ ही समय पहले तक हमारे देश में हर साल दो लाख से भी अधिक बच्चे पोलियो के शिकार हो जाते थे, लेकिन अब भारत पोलियो मुक्त हो गया है. मैं यह समझती हूं कि यह देश के लिए बड़ी उपलब्धि है, जिसकी शुरुआत राजीव जी ने की थी. बच्चों के जीवन को स्वस्थ और ख़ुशहाल बनाने के लिए हमने कई क़दम उठाए हैं. देश का कोई बच्चा शिक्षा के लाभ से वंचित न रहे. इसके लिए शिक्षा का अधिकार क़ानून लागू किया है. 6 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए आईसीडीएस योजना का विस्तार किया गया है. सरकारी स्कूलों में 12 करोड़ बच्चों को मिड डे मील योजना के तहत ताज़ा और पौष्टिक भोजन मिल रहा है. उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन किया गया है. पिछले साल संसद द्वारा बच्चों के यौन शोषण को रोकने के लिए क़ानून पास किया गया, लेकिन जहां एक तरफ़ उपलब्धियां हैं. वहीं दूसरी तरफ़ हमें इस बात का अहसास है कि हमारे सामने अभी भी कई चुनौतियां हैं. राष्ट्रीय स्तर पर शिशु मृत्यु दर अभी भी अधिक है. देश के 40 फीसदी बच्चे कुपोषण का शिकार हैं, जो हमारे लिए गहरी चिंता का विषय है. अब हमारी यूपीए सरकार एक बहुत ही महत्वपूर्ण ‘खाद्य सुरक्षा कानून’ लाने वाली है और इस ऐतिहासिक क़दम से मैं समझती हूं कि हमें उचिम कामयाबी मिलेगी. शिशु और मां की सुरक्षा एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. गर्भवस्था और प्रसव के दौरान महिलाओं के लिए अनेकों योजनाएं चलाई जा रही हैं. अगर गर्भ के दौरान महिलाएं कमज़ोर और बीमार रहेंगी, तो निश्चित ही विपरित असर संतान पर पड़ेगा. मेरा मानना है कि जब तक महिलाओं के सामाजिक स्तर में बदलाव नहीं आएगा, तब तक हमारी योजनाओं का पूरा असर देखने को नहीं मिलेगा. महिलाओं के सशक्तिकरण का असर बच्चों और ख़ासकर लड़कियों के विकास पर पड़ता है. उनकी बेहतरी के लिए कई पहल की गई हैं. उनके ख़िलाफ़ हो रहे अपराधों से निपटने के लिए हमने हाल ही में आर्डिनेंस जारी किया है. घरेलू हिंसा से उनकी सुरक्षा और पैतृक संपत्ति में हिस्सा देने का क़ानून भी लागू किया है. ‘आजीविका योजना’, इस योजना के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूह को बड़े पैमाने पर बैंकों से जोड़कर उनकी आजीविका बढ़ाने की कोशिश की गई है. पंचायतों और नगर पालिकाओं में 50 फ़ीसद आरक्षण दिया है, जिससे वह एक मज़बूत ताक़त बनकर उभर रही हैं. आज के इस समारोह में आए जनजातिए बहनों भाइयों और बच्चों को मैं विशेष रूप से बताना चाहती हूं कि आपकी दिक्कतों और समस्याओं का हमें अच्छे से अहसास है. इसीलिए हमारी सरकार ने ‘वन अधिकार क़ानून’ लागू किया है. उन्हे जंगल की ज़मीन और उपज का अधिकार दिया है, जिससे उनमें आत्मविश्वास पैदा हो और उनके जीवन में सचमुच बदलाव आएं. मुझे पूरी उम्मीद है कि मुख्यमंत्री जी और उनके सहयोगी इस दिशा में सार्थक क़दम उठाएंगे. प्यारे बच्चों आज मैंने उत्साह यहां देखा, उसमें निसंदेह बाल सुरक्षा को योजना बहुत ताक़त मिलेगी. बात का अहसास है कि महाराष्ट्र में बाल सुरक्षा के क्षेत्र में बहुत काम हुआ है. इसके बारे में मुख्यमंत्री जी ने हम सबको अभी बताया है. मिसाल के तौर पर प्रदेश में चल रही ‘राजमाता जी जाओ स्वास्थ पोषण मिशन’ एक कामयाब योजना है. मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण जी, स्वास्थ्य मंत्री सुरेश शेट्टी और उनके सभी साथियों को मैं बधाई देती हूं और इसके साथ स्वास्थ्य से जुड़ी तमाम योजनाओं के लिए स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद और उनके मंत्रालय को भी मैं बधाई देती हूं. इस विश्वास के साथ कि यह योजना भी पूरी तरह से सफल होगी. आपने जिस ख़ुशी से बाल विकास कार्यक्रम का स्वागत किया है, उसके लिए मैं आप सबके प्रति दिल से आभारी हूं और यह भरोसा दिलाती हूं कि अपने देश के बच्चों और नई पीढ़ी की ख़ुशहाली के लिए हमारी यूपीए सरकार हमेशा प्रतिबद्ध है और प्रतिबद्ध रहेगी. इन्हीं शब्दों के साथ मैं आप सबको बधाई और शुभकामनाएं देती हूं.

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