विश्‍व कैंसर दिवस

Posted Star News Agency Tuesday, February 04, 2014


डॉ. जयदीप बिश्‍वास 
विश्व कैंसर दिवस का इतिहास 1933 से शुरू होता है जब अंतर्राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ ने स्विट्जरलैंड में जिनेवा में पहली बार यह दिवस मनाया। यह दुनिया भर में कैंसर कम करने के लिए अधिक से अधिक इक्विटी को बढ़ावा देने और विश्व कैंसर निगरानी स्वास्थ्य और विकास के एजेंडे में एकीकृत करने के क्रम में पूरी दुनिया से जुड़ने की पहल थी। विश्व कैंसर दिवस की विश्व भर में 4 फ़रवरी को हर साल मनाया जाता है। यह दिवस कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को शिक्षित करने और रोग के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दुनिया भर में सरकारों और व्यक्तियों को समझाने तथा हर साल लाखों लोगों को मरने से बचाने के लिए मनाया जाता है। 2014 में इसे विश्व कैंसर घोषणा के लक्ष्य 5 पर केंद्रित किया गया है जो कैंसर के कलंक को कम और मिथकों को दूर करने से संबंधित है।

वर्तमान में, दुनिया भर में हर साल 76 लाख लोग कैंसर से दम तोड़ते हैं जिनमें से 40 लाख लोग समय से पहले ( 30-69 वर्ष आयु वर्ग ) मर जाते हैं। इसलिए समय की मांग है कि इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ कैंसर से निपटने की व्यावहारिक रणनीति विकसित करना है। वर्ष 2025 तक, कैंसर के कारण समय से पहले होने वाली मौतों के बढ़कर प्रति वर्ष 60 लाख होने का अनुमान है। यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन के 2025 तक कैंसर के कारण समय से पहले होने वाली मौतों में 25 प्रतिशत कमी के लक्ष्य को हासिल किया जाए तो हर साल 15 लाख जीवन बचाए जा सकते हैं।

भारत में कैंसर नियंत्रण
विश्व कैंसर दिवस महत्वपूर्ण तिथि है जहां संगठनों और व्यक्तियों को उभरते एनसीडी ढांचे मेंनई और महत्वाकांक्षी प्रतिबद्धताओं पर खरा उतरने के लिए, सरकारों को ठोस पहल करने केलिए प्रभावित करने और कैंसर हस्तक्षेप , रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। अब दुनिया भर में प्रतिबद्धता की जरूरत है जिससे नीति में प्रगति के लिए सहायता और व्यापक राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

भारत कुछ ऐसे विकासशील देशों में शामिल है जहां स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम चला रहा है। इसके प्राथमिक उद्देश्यों में तंबाकू से संबंधित कैंसर की प्राथमिक रोकथाम और गर्भाशय ग्रीवा , मुंह और स्तन के साथ ही ( डेंटल कॉलेजों सहित) क्षेत्रीय कैंसर केंद्रों और मेडिकल कॉलेजों के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर परदर्द से राहत सहित चिकित्सकीय सेवाओं के विस्तार और सुदृढ़ीकरण की तरह कैंसर के अन्यप्रचलित रूपों की रोकथाम शामिल है।

भारत में कैंसर रिसर्च
कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम भारत में कैंसर शोध के विकास में वर्तमान रुझानों में मदद करताहै।
चितरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान कोलकाता
चितरंजन नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संगठन है जो 1 अप्रैल, 1987 को चितरंजन कैंसर अस्पताल और चित्तरंजन नेशनल कैंसर रिसर्च सेंटर के विलय के द्वारा बनाया गया था। भारत सरकार ने वर्ष1997 में एक वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान संगठन ( सिरो ) के रूप में इसे मान्यता दी। इसके मुख्य उद्देश्य हैं:-

- कैंसर की रोकथाम और नियंत्रण के लिए जागरूकता फैलाना
- कैंसर की रोकथाम, निदान, अत्याधुनिक उपचार, अनुसंधान, प्रशिक्षण और कैंसर विज्ञान में शिक्षा को प्रोत्साहन
- कैंसर विज्ञान की सभी शाखाओं में पोस्ट ग्रेजुएशन और पैरामेडिकल शिक्षा प्रदान करना
- कैंसर की रोकथाम, नियंत्रण और इलाज में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग

यह पूर्वी क्षेत्र के लिए इलाज जारी रखने के उद्देश्य से हर साल 35,000-40,000ओपीडी मरीजों के साथ 6,500 से अधिक नए कैंसर रोगियों को सेवाएं प्रदान करने वाला एकमात्र राष्ट्रीय संस्थान है। जगह की कमी और भीड़ के कारण कोलकाता के न्यू टाउन राजरहाट में 500 बिस्तरों वाले उन्नत कैंसर अस्पताल की योजना बनाई गई है।

इसलिए 4 फ़रवरी 2014 को विश्व कैंसर दिवस मनाने के साथ संस्थान कैंसर से निपटने वाले विश्व व्यापी समुदाय के साथ साथ कैंसर के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के साथ ही इस भयानक बीमारी के बारे में गलत धारणाओं को दूर करने और जागरूकता पैदा करने का संदेश दे रहा है।

ईद मिलाद उन नबी की मुबारकबाद

ईद मिलाद उन नबी की मुबारकबाद

फ़िरदौस ख़ान की क़लम से

Star Web Media

ई-अख़बार पढ़ें

ब्लॉग

एक झलक

Followers

Search

Subscribe via email

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

साभार

इसमें शामिल ज़्यादातर तस्वीरें गूगल से साभार ली गई हैं