फ़िरदौस ख़ान
कांग्रेस ने हिसार विधानसभा से जिन्दल समूह की चेयरपर्सन सावित्री जिन्दल को उम्मीदवार बनाया हैं. वह चुनावी मुहिम के तहत इलाक़ों का दौरा कर रही हैं और उन्हें लोगों का ख़ासा समर्थन मिल रहा है. उनकी दावेदारी मज़बूत मानी जा रही है. उनके मुक़ाबले में भारतीय जनता पार्टी के डॊ. कमल गुप्ता और इंडियन नेशनल लोकदल के भीम महाजन चुनाव मैदान में हैं.
ग़ौरतलब है कि जिन्दल समूह की चेयरपर्सन सावित्री जिन्दल ने अपने पति ओमप्रकाश जिन्दल की मौत के बाद कारोबार को बख़ूबी संभाल कर यह साबित कर दिया है कि महिलाओं को मौक़ा मिले तो वे किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कमतर नहीं हैं. कुछ साल पहले तक सावित्री जिन्दल को कोई नहीं जानता था. 31 मार्च 2005 को एक हेलीकॊप्टर हादसे में ओमप्रकाश जिन्दल की मृत्यु हो गई थी. इसके बाद सावित्री जिन्दल ने न सिर्फ़ जिन्दल समूह की ज़िम्मेदारी संभाली, बल्कि अपने पति की सियासी विरासत को भी आगे बढ़ाया. वह हिसार विधानसभा सीट के 2006 के उपचुनाव में जीतीं और राजस्व पुनर्वास एवं आवास मंत्री बनीं. इसके बाद 2009 के विधानसभा चुनाव में भी वह हिसार विधानसभा सीट से चुनाव जीत गईं और मंत्री बनीं.
अमीरों का लेखा-जोखा रखने वाली अमेरिकी पत्रिका फोर्ब्स की फ़ेहरिस्त में सावित्री जिन्दल को भारत की सबसे अमीर महिला क़रार दिया गया है. उनके खाते में 12.2 अरब डॊलर की संपत्ति है. वह उद्योगपति के तौर तब सामने आईं, जब फोर्ब्स ने 2008 में उन्हें देश की सबसे अमीर महिला बताया. इसके बाद 2009 में भी उनका जलवा बरक़रार रहा. साथ ही उन्हें दुनिया की सातवीं सबसे अमीर महिला का ख़िताब मिला. अगले साल भी देश की सबसे अमीर महिला का ताज उनके उनके पास रहा. आज देश-विदेश में जिन्दल समूह के 50 से ज़्यादा प्लांट हैं. लोहा, इस्पात और पावर के क्षेत्र में जिन्दल समूह की दुनियाभर में पहचान है. उनके पति ओमप्रकाश जिन्दल ने 1952 में इसकी स्थापना की थी. कारोबार उनके चारों बेटे संभालते हैं. जिंदल शॉ लिमिटेड जी ज़िम्मेदारी पृथ्वी जिंदल संभालते हैं, जबकि जेएसडब्ल्यू ग्रुप ऑफ कंपनी को सज्जन जिंदल, जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड को रतन जिंदल और जिंदल स्टील एंड पॊवर लिमिटेड को नवीन जिंदल संभाल रहे हैं.
उनका मानना है कि अगर कोई भी महिला दृढ़ संकल्प कर ले, तो उसके लिए कोई भी चुनौती मुश्किल नहीं है.