जिस तरह बुर्क़ा पहनना किसी भी महिला का अपना निजी फ़ैसला है. इसका सम्मान किया जाना चाहिए. मगर क्या बुर्क़ा न पहनना किसी महिला का अपना निजी फ़ैसला है? क्या इसका सम्मान नहीं किया जाना चाहिए?
उत्तर प्रदेश के शामली से बुर्क़ा न पहने को लेकर अपनी पत्नी और दो बेटियों की निर्मम ह्त्या करने का दिल दहलाने वाला एक मामला सामने आया है.
पुलिस के मुताबिक़ उत्तर प्रदेश के शामली ज़िले के गांव गढ़ी दौलत निवासी फ़ारूख़ ने पत्नी ताहिरा और बेटियों आफ़रीन और सहरीन की हत्या कर शवों को घर के आंगन में सेप्टिक टैंक में दबा दिया था। ताहिरा क़रीब डेढ़ माह पहले पति से झगड़ा हो गया था। इस पर वह अपने मायके बिना बुर्क़ा पहने चली गई थी, जिससे फ़ारूख़ आग बबूला हो गया. उसने 8 दिसम्बर की रात को पत्नी की गोली मारकर ह्त्या कर दी. गोली की आवाज़ से बेटियां उठ गईं, तो उसने एक बेटी को गोली मार दी और दूसरी का गला दबाकर ह्त्या कर दी. इसके बाद तीनों शवों को आंगन में बने सेप्टिक टैंक में दबा दिया. पुलिस ने तीनों शवों को निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस ने 17 दिसम्बर को आरोपी के क़ब्ज़े से तीन तमंचे और 10 कारतूस बरामद कर जेल भेज दिया था.
शामली के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जांच में सामने आया है कि फ़ारूख़ धर्म के प्रति अत्यधिक कट्टर था। उसने पिछले 18 वर्षों से अपनी पत्नी का आधार कार्ड और राशन कार्ड तक नहीं बनवाया था, क्योंकि इन दस्ता वेज़ों में फ़ोटो लगने का विरोध करता था। पुलिस पूछताछ में फ़ारूख़ ने बताया कि पत्नी और बेटियां बिना बुर्क़े के घर से बाहर निकलती थीं, यह बात मुझे अखरती थी, इसलिए मैंने तीनों को मारने की योजना बनाई. कैराना से अवैध तमंचा और कारतूस ख़रीदे और घर के आंगन में सेप्टिक टैंक खुदवाया.
ग्रामीणों ने आरोपी को फांसी दिए और उस पर रासुका लगाए जाने की मांग की है.थाना प्रभारी सतीश कुमार ने बताया कि पुलिस आरोपी के ख़िलाफ़ रासुका लगाए जाने की तैयारी कर रही है.
