स्टार न्यूज़ एजेंसी
जो लोग शराब नहीं पीते हैं, उन्हें शराब की शुरुआत नहीं करनी चाहिए और जो लोग पीते हैं, उन्हें सीमित मात्रा में शराब का सेवन करना चाहिए और या बिल्कुल न लें जैसे विषय पर सवाल खड़े होते रहे हैं.
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल के मुताबिक़ लोगों में यह प्रवृत्ति है कि सर्दी में और नये साल के मौके पर कहीं ज्यादा शराब का सेवन करते हैं. जो लोग ताउम्र शराब नहीं पीते हैं, उनकी आसानी से सीमित मात्रा में भी शराब के सेवन करने वालों या कभी-कभार लने वालों से तुलना नहीं की जा सकती. उन्हें शराब लेने की सलाह तब भी नहीं दी जानी चाहिए जब वे इसे न्यायसंगत साबित कर रहे हों.
बीमारियां जिनमें बचाव के तौर पर सीमित मात्रा में शराब का सेवन करते हैं जैसे कि कोरोनरी हार्ट डिसीज, इस्कैमिक पैरालिसिस और मधुमेह बुढ़ापे में अधिक प्रचलित हैं और उन लोगों में जो कोरोनरी हार्ट डिसीज के आशंकित तथ्य की श्रेणी में आते हैं. ऐसे लोगों में सीमित मात्रा में शराब के सेवन का संबंध मृत्यु को कम करने से है जो बिल्कुल भी नहीं पीते या फिर कभी कभार ही पीते हैं. कम और मध्यम उम्र के लोगों में खासकर महिलाओं में सीमित मात्रा में शराब के सेवन से (ट्रॉमा और स्तन कैंसर से) मौत का खतरा बढ़ सकता है. जो महिलाएं शराब का सेवन करती हैं, उन्हें सप्लीमेंट फोलेट लेना चाहिए जो स्तन कैंसर की बीमारी के खतरे को कम करने में मददगार होता है. 45 से कम उम्र वाले पुरुषों में जो शराब का सेवन करते हैं, उनमें फायदे से ज्यादा नुकसान होता है. इन समूहों में सीमित मात्रा में शराब लेने से किसी भी तरह से मौत की संभावना रहती है, लेकिन रोजाना एक ड्रिंक से कम के सेवन सुरक्षित माना गया जिससे किसी भी तरह का खतरा नहीं रहता है. व्यक्तिगत तौर पर शराब के सेवन पर विवाद है कि इसे कितना लिया जाए और किस स्तर पर यह खतरनाक होती है.
आदमी औरत से ज्यादा शराब का सेवन कर सकता है. आदर्श रूप में एक दिन में शराब करीब 6 ग्राम लेनी चाहिए. चिकित्सीय तौर पर एक घंटे में 10 ग्राम लेना सुरक्षित होता है, एक दिन में 20 ग्राम और एक हफ्ते में 70 ग्राम लेना सुरक्षित होता है. महिलाओं में सुरक्षित मात्रा इसकी आधी होती है.