सरफ़राज़ ख़ान
व्हाइट शुगर लत वाली होती है और इससे हृदय संबंधी बीमारी भी होती है. हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल का कहना है कि इस मीठे पदार्थ के लेने से मस्तिष्क में कुछ उसी तरह के बदलाव देखे गए, जो कि कोकीन और हीरोइन जैसे ड्रग्स के लेने से होते हैं. अमेरिकन कॊलेज ऒफ़ न्यूरो-साइकोफार्माकोलॊजी के सालाना बैठक के एक अध्ययन का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि पशुओं पर किए गए अध्ययन में जब वे भूखे थे, तो उन्हें बड़ी मात्रा में शुगर का पानी दिया गया, इससे उनके व्यवहार में बदलाव देखा गया और यहां तक मस्तिष्क में न्यूरोकेमिकल बदलाव भी देखे और यही बदलाव जो पशुओं में देखे गए, वह लोगों में भी संभव हैं. इन पशुओं में देखा गया कि लम्बे समय तक इसके चिन्ह देखे गए और इसका असर भी काफ़ी दिनों तक रहा.
शुगर की लत ड्रग्स लेने का रास्ता भी बन सकती है, जैसे कि शराब का सेवन करने लगना. अमेरिकन साइकियाट्रिक एसोसिएशन द्वारा लत की परिभाषा में बहुत ज़्यादा पीना, विदड्रावल और क्रेविंग शामिल हैं.
अध्ययन में चूहों को एक दिन में 12 घंटे तक भोजन नहीं दिया गया और उसके बाद उन्हें 12 घंटे तक भोजन और शुगर (25 फ़ीसद ग्लूकोज़ और 10 फ़ीसद सरकोज़) दी गई, इसे तीन से चार हफ्ते तक अपनाया गया. कैमिकल में शरीर पर डोपामाइन को लत के तौर पर शामिल किया गया. व्हाइट शुगर, व्हाइट रास और व्हाइट मैदा रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट सभी लत के तौर पर दिए गए और इनका संबंध इंसुलिन रुकावट, मोटापा और हृदय की बीमारी से था.