लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी जल्द ही अपने नये बंगले 5 सुनहरी बाग़ रोड में रहने वाले हैं. यह बंगला उन्हें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष होने की वजह से आवंटित किया गया है. संसदीय आवास समिति ने उन्हें तीन बंगले दिखाए थे. इनमें 5 सुनहरी बाग़ रोड, 7 मोतीलाल नेहरू मार्ग और 3 कृष्णा मेनन मार्ग शामिल थे. राहुल गांधी ने सुनहरी बाग़ को पसंद किया. यह बंगला लुटियंस ज़ोन में है और इस इलाक़े में सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम हैं.
फ़िलहाल राहुल गांधी अपनी माँ सोनिया गांधी के साथ 10 जनपथ में रहते हैं. इससे पहले वे 12 तुग़लक लेन में रहते थे. तक़रीबन 19 साल यहाँ रहने के बाद उन्होंने साल 2023 में यह बंगला ख़ाली किया था. दरअसल संसद सदस्यता जाने के बाद उन्हें यह बंगला ख़ाली करना पड़ा था. कहा जा रहा है कि 21 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र से कुछ दिन पहले राहुल गांधी अपने इस नये बंगले में रहना शुरू कर देंगे.
ग़ौरतलब है कि 23 मार्च 2023 को सूरत की एक अदालत ने मानहानि मामले में राहुल गांधी को दो साल कैद की सज़ा सुनाई थी. हालांकि उन्हें कुछ ही देर में ज़मानत भी मिल गई थी. फिर इसके अगले दिन यानी 24 मार्च को राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई. इसके बाद 27 मार्च को लोकसभा हाउसिंग कमेटी ने 12 तुग़लक लेन का बंगला ख़ाली करने का नोटिस भेजा था, जिसमें बंगला ख़ाली करने के लिए 24 अप्रैल 2023 तक का वक़्त दिया गया था. नोटिस मिलने के अगले दिन यानी 28 मार्च को राहुल गांधी ने लोकसभा सचिवालय के उपसचिव को लिखित जवाब भेजा था. उन्होंने जवाब में लिखा- "मैं चार बार लोकसभा सांसद चुना गया. यह लोगों का जनादेश है, जिसके लिए मैं लोगों का शुक्रगुज़ार हूं. इस घर से मेरी कई अच्छी यादें जुड़ी हुई हैं. मैं नोटिस में दिए गये आदेश का पालन करूंगा."
फिर 22 अप्रैल को उन्होंने यह बंगला ख़ाली करके चाबी संबंधित अधिकारियों को सौंप दी थी. साल 2004 में अमेठी से पहली बार सांसद चुने जाने पर राहुल गांधी को यह बंगला 2005 में आवंटित किया गया था. इस बंगले में उन्होंने बहुत अच्छा वक़्त गुज़ारा था.
लोकसभा की सदस्यता रद्द होने के बाद राहुल गांधी अप्रैल 2023 में गुजरात उच्च न्यायालय गए, लेकिन उनकी सज़ा पर रोक नहीं लगी. फिर उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय का रुख़ किया. अदालत ने 4 अगस्त 2023 को उन्हें दोषी ठहराए जाने के फ़ैसले पर रोक लगा दी. इसके बाद 7 अगस्त को लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता बहाल कर दी. इससे पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई थी.
ग़ौरतलब है कि उन्होंने अप्रैल 2019 में कर्नाटक में एक जनसभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है. इसके बाद गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ़ मानहानि का मामला दर्ज किया था.