सहमी  हुई   निग़ाहों की   बेचारग़ी  भी   देख |
लाचार-सी  साँसों में   ज़रा  ज़िन्दगी भी देख ||


महकी हुई   राहों  पे   सफ़र   तुमने  किया है 
सहरा में   भटकती  हुई   आवारग़ी  भी  देख ||

सब  कुछ है   तेरे  पास   मगर    चैन  नहीं है 
बेचैनियों  को मारती  दिल की  खुशी भी देख ||

सज कर  संवर कर  लग रहा है  खूबसूरत तू
लेकिन नदी की लहर-सी यह सादगी भी देख ||

चढ़ती  हुई  यह रात  और  खा़मोश   हवायें
ऊमस  बहुत है  छत पे  मगर चाँदनी भी देख ||
-कैलाश मनहर 


أنا أحب محم صَلَّى ٱللّٰهُ عَلَيْهِ وَآلِهِ وَسَلَّمَ

أنا أحب محم صَلَّى ٱللّٰهُ عَلَيْهِ وَآلِهِ وَسَلَّمَ
I Love Muhammad Sallallahu Alaihi Wasallam

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सत्तार अहमद ख़ान

सत्तार अहमद ख़ान
संस्थापक- स्टार न्यूज़ एजेंसी

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