जो जले हैं उम्र भर यारों चराग़ों की तरह
वो रहे सब की निगाहों में उजालों की तरह
جو جلے ہیں عمر بھر یاروں چراغوں کی طرح
وہ رہے سب کی نگاہوں میں اجالوں کی طرح
वो जो पेश आते हैं हम से यार ख़ारों की तरह मात खाते हैं हमेशा होशियारों की तरह
وہ جو پیش آتے ہیں ہم سے یار خاروں کی طرح
مات کھاتے ہیں ہمیشہ ہوشیاروں طرح
मीर-ओ- ग़ालिब की रवायत के रहे जो पासबां लोग भूले हैं उन्हें अदबी रिसालों की तरह
میر و غالب کی روایت کے رہے جو پاسباں
لوگ بھولے ہیں انہیں ادبی رسالوں کی طرح
जो शगुफ़्ता दिल लिए जीते रहे हैं उम्र भरवो ख़िज़ाओं में रहे हरदम बहारों की तरह
جو شگفتہ دل لئے جیتے رہے ہیں عمر بھر
وہ خزاں میں رہے ہر دم بہاروں کی طرح
ख़ुदग़रज़ यारों के वादों पे लुटे हैं आप भीथाम के दिल बैठ जाएं हम बेचारों की तरह
خود غرض یاروں کے وعدوں پے لٹے ہیں آپ بھی
تھام کے دل بیٹھ جائیں ہم بے چاروں کی طرح
रोकना है रोक लो रस्ता हमारा आप भीअपनी फितरत है मियाँ नद्दी के धारों की तरह
روکنا ہے روک لو رستا ہمارا آپ بھی
اپنی فطرت ہے میاں ندّی کے دھاروں کی طرح
यार अब तहज़ीब से अपना रहा न वास्ता
हो गए वीरान हम उर्दू इदारों की तरह
हम चमक उठेंगे रातों को सितारों की तरह
लौट के आएंगे वो इक रोज़ यारों की तरह
इरशाद अज़ीज़
हो गए वीरान हम उर्दू इदारों की तरह
یار اب تہذیب سے اپنی رہا نہ واستا
ہو گیے ویران ہم اردو اداروں کی طرح
शाम को डूबेगा सूरज आस्मां पे देखनाहम चमक उठेंगे रातों को सितारों की तरह
شام کو ڈوبے گا سورج آسماں پے دیکھنا
ہم چمک اٹھیں گے راتوں کو ستاروں کی طرح
जो गए हैं छोड कर इरशाद फिर से देखनालौट के आएंगे वो इक रोज़ यारों की तरह
इरशाद अज़ीज़
جو گے ہیں چھوڑ کر ارشاد پھر سے دیکھنا
لوٹ کے آیئں گے وہ اک روز یادوں کی طرح
ارشاد عزیز
