-फ़िरदौस ख़ान कल मज़दूर दिवस है... आज के दिन पापा सुबह-सवेरे तैयार होकर मई दिवस के कार्यक्रमों में जाते थे. पापा ठेकेदार थे. लोगों के घर बनाते थे. छोटी-बड़ी इमारतें बनाते थे. उनके पास हमेशा कमज़ोर और बूढ़े मिस्त्री-मज़दूर हुआ करते थे. हमने पापा से पूछा कि लोग ताक़तवर और जवानों को रखना पसंद करते हैं, फिर आप कमज़ोर और बूढ़े लोगों को काम पर क्यों रखते हैं. पापा जवाब देते कि इसीलिए तो इन्हें रखता हूं, क्योंकि सबको जवान और ताक़तवर मिस्त्री-मज़दूर...
-फ़िरदौस ख़ानकिसी भी देश के विकास में मज़दूरों की सबसे बड़ी भूमिका है. ये मज़दूर ही हैं, जिनके ख़ून-पसीने से विकास की प्रतीक गगनचुंबी इमारतों की तामीर होती है. ये मज़दूर ही हैं, जो खेतों में काम करने से लेकर किसी आलीशान इमारत को चमकाने का काम करते हैं. इस सबके बावजूद सरकार और प्रशासन से लेकर समाज तक इनके बारे में नहीं सोचता. बजट में भी सबसे ज़्यादा इन्हीं की अनदेखी की जाती है. सियासी दल भी चुनाव के वक़्त तो बड़े-बड़े वादे कर लेते हैं, लेकिन सत्ता...
फ़िरदौस ख़ान शहज़ादी को गूलर से बहुत प्यार था. उनके बंगले के पीछे तीन बड़े-बड़े गूलर के पेड़ थे. वे इतने घने थे कि उसकी शाखें दूर-दूर तक फैली थी. स्कूल से आकर वह अपने छोटे भाइयों और अपनी सहेलियों के साथ गूलर के पेड़ के नीचे घंटों खेलती. उसकी दादी उसे डांटते हुए कहतीं, भरी दोपहरी में पेड़ के नीचे नहीं खेलते. पेड़ पर असरात (जिन्नात) होते हैं और वह बच्चों को गूलर के पेड़ पर असरात होने की तरह-तरह की कहानियां सुनाया करतीं. लेकिन बच्चे थे कि लाख ख़ौफ़नाक...
स्टार न्यूज़ एजेंसी की सम्पादक फ़िरदौस ख़ान की सुप्रसिद्ध अभिनेता राकेश श्रीवास्तव जी से ख़ास बातचीत   कोई लौटा दे मेरे बचपन के दिन  सुप्रसिद्ध अभिनेता राकेश श्रीवास्तव ने साल 1990 में 'एक लड़का एक लड़की' से हिन्दी सिनेमा में अपना डेब्यू किया था. वे सब टीवी के सीरियल 'लापतागंज' के लल्लन जी के नाम से मशहूर हैं. उन्होंने लखनऊ की भारतेंदु नाट्य अकादमी से ड्रामाटिक आर्ट में डिप्लोमा किया है. वे कई नाटकों और धारावाहिकों में काम...
अगर आप WhatsApp पर अनजान नम्बरों से आने वाले Messages से परेशान हैं, तो फ़ौरन इस फ़ीचर को ऑन करें. WhatsApp की Settings पर जाएं.Settings में Privacy पर क्लिक करें.Privacy में जाने के बाद Advanced पर क्लिक करें.Advanced में जाने के बाद Block Unknown Account Messages को ऑन कर दें.(स्टार न्यूज़ एजेंसी द्वारा जनहित में जारी) तस्वीर गूगल से सा...
अरविंद कुमार सिंह    28 मई, 2023 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया था, तभी से परिसीमन और सीटों की संख्या में वृद्धि के कयास तेज हो गए थे। क्योंकि नए भवन में लोक सभा चैबर में सीटों की संख्या 888 और राज्य सभा में 384 सांसदों के बैठने की व्यवस्था की गयी। पुराने संसद भवन में लोक सभा चैंबर में 545 और राज्य सभा में 245 सीटें थीं। सीटें तो अभी भी इतनी ही हैं। पुराने भवन में काम चल सकता था लेकिन सरकार...
 फ़िरदौस ख़ान को लफ़्ज़ों के जज़ीरे की शहज़ादी के नाम से जाना जाता है. वे शायरा, लेखिका और पत्रकार हैं. वे एक आलिमा भी हैं. वे रूहानियत में यक़ीन रखती हैं और सूफ़ी सिलसिले से जुड़ी हैं. उन्होंने फ़हम अल क़ुरआन लिखा है. ये उनकी ज़िन्दगी का शाहकार है, जो इंशा अल्लाह रहती दुनिया तक तमाम आलमों के लोगों को अल्लाह के पैग़ाम से रूबरू कराता रहेगा. वे कहती हैं कि हमारी अम्मी बहुत नेक और इबादतगुज़ार ख़ातून थीं. हमने बचपन से ही उन्हें इबादत करते हुए पाया. वे...
फ़िरदौस ख़ान ये कहानी है दिल्ली के ’शहज़ादे’ और हिसार की ’शहज़ादी’ की. उनकी मुहब्बत की... गूजरी महल की तामीर का तसव्वुर सुलतान फ़िरोज़शाह तुगलक़ ने अपनी महबूबा के रहने के लिए किया था...यह किसी भी महबूब का अपनी महबूबा को परिस्तान में बसाने का ख़्वाब ही हो सकता था और जब गूजरी महल की तामीर की गई होगी...तब इसकी बनावट, इसकी नक्क़ाशी और इसकी ख़ूबसूरती को देखकर ख़ुद वह भी इस पर मोहित हुए बिना न रह सका होगा... हरियाणा के हिसार क़िले में...
 फ़िरदौस ख़ानशुगर एक ऐसा मर्ज़ है, जिससे व्यक्ति की ज़िन्दगी बहुत बुरी तरह प्रभावित हो जाती है. वह अपनी पसंद की मिठाइयां, फल, आलू, अरबी और कई तरह की दूसरी चीज़ें नहीं खा पाता. इसके साथ ही उसे तरह-तरह की दवाएं भी खानी पड़ती हैं. दवा कोई भी नहीं खाना चाहता, जिसे मजबूरन खानी पड़ती हैं, इससे उसका ज़ायक़ा ख़राब हो जाता है. इससे व्यक्ति और ज़्यादा परेशान हो जाता है. पिछले कई दिनों से हम शुगर के रूहानी और घरेलू इलाज के बारे में अध्ययन कर रहे हैं. हमने...
फ़िरदौस ख़ानगुर्दे की पथरी अब एक आम मर्ज़ हो गया है. पथरी की वजह से नाक़ाबिले बर्दाश्त दर्द होता है. पेशाब में जलन होती है. इसकी वजह से गुर्दों को नुक़सान हो सकता है. चिकित्सकों के मुताबिक़ पेशाब में कैल्शियम, ऑक्सालेट, यूरिक एसिड और सिस्टीन जैसे पदार्थ इकट्ठे होकर  क्रिस्टल बन जाते हैं. फिर ये क्रिस्टल गुर्दे से जुड़कर रफ़्ता-रफ़्ता पथरी का रूप इख़्तियार कर लेते हैं. इनमें 80 फ़ीसद पथरी कैल्शियम से बनी होती है और कुछ पथरी कैल्शियम ऑक्सालेट...

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