तेरी यादों से टकराती हैं आंखें
तुझे न पाकर बह जाती हैं आंखें
नज़र उसकी है मुझ पे जब भी उसकी
मेरे जीवन को महकाती हैं आंखें
तेरी राहों को अकसर देखती हैं
मगर तुझको नहीं पाती हैं आंखें
गये लम्हों के गुलदस्ते सजाकर
बिन सोचे चली आती हैं आंखें
-सरफ़राज़ ख़ान
फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड
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उत्कृष्ट ...