कोहरे का कहर

Posted Star News Agency Monday, January 04, 2010


बिजली-कटौती !
सरकारें तक गिरवा देती, एक समस्या यह इकलौती !!

रेल-हादसे !
मौनव्रती हैं रेल-मंत्री, घटनाओं के बाद से !!

आवागमन ठप !
घर पर बैठे-बैठे देखें, किसी न्यूज़-चैनल की गप !!

ट्रेनें टकराईं !
बैलगाड़ियों वाले बोले, "देखो, कितनी ग़लत बनाईं !!"

कोहरे का कहर !
सब पर टूटा, चाहें वे सब, कस्बे थे या गांव-शहर !!

ठंडा रहा थाना-दिवस !
गर्मी करने वाले 'मुर्गे', डरकर कोई नहीं आये, बस !!

सवालिया निशान !
नेताओं के जो चरित्र हैं, इनके सर्वप्रिय स्थान !!

शीतलहर !
फुटपाथों पर तोड़ रहे दम, बिन अलाव सरकारी वोटर !!

चेतावनी !
देकर नेता सोच रहा है, "कैसे इससे पायें मनी ??"

दो पक्षों में तनातनी !
इसको नया रंग देने की, न्यूज़ अभी तक नहीं बनी ??

सतर्कता !
कथनी थी ख़ामोश इसलिए, करनी में कुछ फर्क था !!
-अतुल मिश्र

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