हरीश कंवर
सन् 1844 से भारतीय रेल की समृध्द विकास यात्रा रही है। सन 1853 में पहली यात्री ट्रेन सेवा का बंबई और ठाणे के बीच उदघाटन हुआ था। उसके अगले वर्ष भारत के गवर्नर
जनरल लार्ड डलहौजी ने देश के प्रमुख क्षेत्रों को आपस में जोड़ने के लिए एक नई योजना
तैयार की। आज भारतीय रेल दुनिया में सबसे बड़ी और व्यस्ततम रेल नेटवर्कों में से एक
है क्योंकि प्रति दिन एक करोड़ 80
लाख से अधिक लोग रेल से यात्रा करते हैं और 20
लाख टन से अधिक माल की ट्रेनों द्वारा ढुलाई होती है। यह पूरे देश को आपस
में जोड़ती है यानी 64,000
किलोमीटर से अधिक के विशालकाय मार्गों पर दौड़ती है। 14 लाख कर्मचारियों के साथ रेलवे दुनिया का सबसे बड़ा नियोक्ता
है।
लक्जरी ट्रेन
लक्जरी ट्रेनों से भारत भ्रमण काफी लोकप्रिय हो गया है। यह देशभर में भ्रमण
करने का सर्वोत्तम आरामदेह तरीका है। ये लक्जरी ट्रेनें आराम की हर सुविधा उपलब्ध
कराती है और भारत के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन
स्थलों के परिभ्रमण में पर्यटकों को शानो शौकत का एहसास कराती हैं। रेल मंत्रालय के
सार्वजनिक उपक्रम भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) और कोक्स एंड किंग्स इंडिया लिमिटेड ने लक्जरी
यात्रा के लिए दुनिया में सर्वश्रेष्ठ सेवा
महाराजा एक्सप्रेस प्रदान करने के लिए एक दूसरे से हाथ मिलाया है। यह ट्रेन भारत में पहले
से मौजूद लक्जरी ट्रेनों की शृंखला में अगली और नवीनतम कड़ी है।
महाराजा एक्सप्रेस
महाराजा एक्सप्रेस सेवा मार्च,
2010 में शुरू हुई है। इस ट्रेन में चढते ही एक अनोखी अनुभूति का एहसास होता
है। यह ट्रेन रात के दौरान चलती है ताकि
दिन के समय लोग पर्यटन स्थल घूम सकें।
इस ट्रेन में कुल 23 डिब्बे हैं। इसमें पांच डीलक्स कोच,
छह जूनियर सुइट कोच,
दो सुइट कोच और एक प्रेसिडेंसियल सुइट कोच हैं। ट्रेन में दो
रेस्तरां,
एक बार,
एक आब्ज़रवेशन लाउंज है। इस लाउंज में बार,
गेम टेबल आदि जैसी सुविधाएं हैं।
ट्रेन के अन्य अनोखे पहलुओं में हर डिब्बे में सस्पेंशन सिस्टम,
तापमान नियंत्रित सवारी
केबिन,
पर्यावरण अनुकूल शौचालय और सीधे डायल वाले टेलीफोन शामिल हैं। केबिन में
बड़े शीशे लगे हैं जिससे लोग बाहर की एक झलक पा सकते हैं। केबिन में और उसमें एलसीडी टेलीविजन, डीवीडी प्लेयर,
इंटरनेट जैसी सुविधाएं भी मौजूद हैं।
इस लक्जरी ट्रेन की एक अलग पहचान यह भी है कि यह विभिन्न राज्यों से होकर
गुजरती है। इसके मुम्बई से दिल्ली और दिल्ली से कोलकाता दो रूट हैं और दोनों रूटों
पर यह दोनों दिशाओं में चलती है। यह मुम्बई से
राजस्थान होते हुए दिल्ली आती है। यह
खजुराहो एवं वाराणसी होते हुए दिल्ली से कोलकाता जाती है। महाराजा एक्सप्रेस
के लिए चार पैकेज-प्रिंसली इंडिया (आठ दिनसात रातें),
रॉयल इंडिया (सात दिनछह रातें),
क्लासिकल इंडिया (सात दिनछह रातें) और सेलेस्टियल इंडिया (आठ दिन सात
रातें) हैं।
प्रिंसली इंडिया टूर
प्रिंसली इंडिया पश्चिमी भारत और ऐतिहासिक ताजमहल की विहंगम यात्रा कराती
है। अनंतकाल की परंपराओं और मनमोहक स्थानों को निहारते हुए लोग मुम्बई की भागदौड़
भरी जिंदगी,
दिल्ली के स्मारकों,
ताजमहल का शाश्वत सौंदर्य,
रणथंभौर के बाघ,
आमेर का किला देख सकते हैं और
झीलों के शहर उदयपुर की झलक पा सकते हैं।
रॉयल इंडिया टूर
रॉयल इंडिया,
महाराजा एक्सप्रेस राजाओं के भारत का अनोखा दृश्य दिखाता है-
ताजमहल,
रणथंभौर,
गुजरात और अंतत: मुम्बई। इस शानदार यात्रा से लोगों के दिमाग पर प्राचीन
भारत और उस समय की संस्कृति की अमिट छाप पड़ती है।
क्लासिकल इंडिया टूर
लोकप्रिय यात्राओं में से एक यह टूर लोगों को भारत के छुपे खजाने का दर्शन
कराता है। यह यात्रा दिल्ली के अविस्मरणीय
प्राकृतिक दृश्य से शुरू होती है और
ग्वालियर के वैभवशाली अतीत,
वाराणसी की पवित्र भूमि,
खजुराहों के मंदिर,
गया के तीर्थकेंद्र तथा बांधवगढ नेशनल पार्क के विविध वन्यजीवों का दर्शन
कराती हुई पूर्व के हृदय समझे जाने वाले कोलकाता में जाकर खत्म हो जाती है।
सेलेस्टियल इंडिया टूर
सेलेस्टियल इंडिया टूर व्यक्ति को भारत के आकर्षक और पुरातात्विक संरचनाओं
का दर्शन कराता है। इस दौरान गया के हिंदू
मंदिर,
वाराणसी में गंगा नदी में नौकायन,
बांधवगढ वन्यजीवों के दर्शन,
खजुराहो,
आगरा,
ग्वालियर एवं दिल्ली के ऐतिहासिक आश्चर्य का विहंगम दृश्य देखने का अवसर
मिलता है।
लक्जरी ट्रेन से देशाटन का अनुभव ऐसा है मानो हमें हमारी समृध्द एवं
विविधता भरी भूमि का सच्चा दर्शन हो रहा
हो।