स्टार न्यूज़ एजेंसी
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश).
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने कहा है कि कांग्रेस सत्ता में आई तो दस वर्षों में वह यूपी को विकास के मामले में इतना बदल देंगे कि लोग पहचान नहीं पाएंगे. उन्होंने आज चौरी चौरा, देवरिया, रुद्रपुर व बैकुंठपुर में चुनावी सभाओं को संबोधित किया.
उन्होंने कहा- “मै इंदिरा गांधी का पोता हूं, राजीव गांधी का बेटा हूं. जब तक उत्तर प्रदेश बदलेगा नहीं, मै यहां से नहीं हिलूंगा. मैं यहां सिर्फ़ चुनाव जीतने नहीं आया हूं.  मैं उत्तर प्रदेश बदलने आया हूं,  चाहे पांच साल लगें, दस साल लगें, पंद्रह साल लगें या फिर बीस साल.”
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने असम बदला, मिजोरम बदला, हरियाणा बदला, महाराष्ट्र बदला और अब उत्तर प्रदेश की बारी है. आपने औरों को 22 साल दिए हैं-- अब पांच साल कांग्रेस को दीजिए और बदलाव अपने आप देखिये.
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने लोगों को बताया कि 2004 में कांग्रेस की सरकार बनने से पहले पार्टी ने लोगों से जो वादा किया था, उसे पूरा किया है. कांग्रेस ने लोगों को आम आदमी की सरकार दी है.
उन्होंने कहा कि मायवती कभी भी आप लोगों के बीच नहीं आतीं, न ही कभी बात करती हैं और न ही आप लोगों के साथ खाती हैं.  इसीलिए उन्हें ज़मीनी सच्चाई की सही जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि लोगों ने जब साईकिल का विश्वास किया तो पैसा ग़ायब हो गया, और जब हाथी पर विश्वास किया तो पैसा हाथी खा गया.
बीएसपी के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा ने स्वास्थ्य योजना के पैसों मे घोटाला किया, इसिलिए उनके पीछे सीबीआई पड़ी है. बीएसपी के जिन मंत्रियों ने पांच सालों तक जनता को लूटा, अब मायावती एक के बाद एक उन्हें हटा रही है.
बीएसपी ने बाबू सिंह कुशवाहा को हटाया तो बीजेपी ने उन्हें गले लगा लिया. बीजेपी के बड़े-बड़े नेता देश में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोलकर यात्राएं कर रहे है, जबकि ख़ुद कर्नाटक और उत्तराखंड में उनकी सबसे भ्रष्ट सरकार चल रही है. आख़िर किस मुंह से वो भ्रष्टाचार की बात करते है?
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ी समस्या नेताओं का लोगों के साथ जुडाव नहीं होना है.’
उन्होंने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश की जनता को राम के नाम पर ठगा गया, फिर ज़ात के नाम पर और फिर मायावती ने भी वही किया. उत्तर प्रदेश की जनता ने मुलायम सिंह को उम्मीद की साईकिल दिखाकर तीन बार मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन उसी साईकिल ने लोगों की उम्मीद को ठेंगा दिखा दिया. मुलायम सिंह ख़ुद अंग्रेजी और कंप्यूटर शिक्षा का विरोध करते है, जबकि ख़ुद उनके सुपुत्र अखिलेश यादव अंग्रेजी भी बोलते हैं और कांप्यूटर चलाना भी जानते हैं. उन्होंने जनता से सवाल किया कि आख़िर क्यों वह यह सब जनता तक नहीं पहुंचाना चाहते.
मुस्लिमों के आरक्षण के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने लोगों को बताया कि कांग्रेस की सरकार ने ही सच्चर कमिशन तैयार किया और उसकी रिपोर्ट को लागू किया, जबकि मुलायम सिंह ने कहा कि सच्चर कमिशन से किसी को भी फ़ायदा नहीं हुआ. उन्होंने लोगों से कहा कि आप अन्य राज्यों में जाकर देख सकते है कि सच्चर कमिशन की रिपोर्ट लागू करने से उन राज्यों के लोगों को क्या-क्या फ़ायदे हुए हैं.
उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस पार्टी ने मुसलमानों के लिए चार फ़ीसदी आरक्षण लागू किया तो मुलायम सिंह ने इसे कम बताया, लेकिन जब आरक्षण लागू होने से पहले पत्रकारों ने उनसे इस बारे में सवाल किया तो उनके पास बोलने को कुछ भी नहीं था, सिर्फ़ सन्नाटा ही था. अगर मुलायम सिंह को आरक्षण में कमी लगती है तो वह इस मुद्दे को अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल क्यों नहीं कर लेते.
कांग्रेस महासचिव ने लोगों को बाताया कि कांग्रेस पार्टी ने लोगों को मनरेगा दिया, सूचना का अधिकार दिया, जननी सुरक्षा योजना दी, और अब लोगों को खाने का अधिकार दिए जाने की तैयारी की जा रही है. उन्होंने कहा कि हम खाद्य सुरक्षा क़ानून की बात कर रहे है, लेकिन विपक्ष पैसे को लेकर सवाल कर रहा है.
जब भी हमे भ्रष्टाचार दिखता है, तो हम उसके ख़िलाफ़ लड़ते हैं. हमारे मंत्री जेल में हैं. उन्होंने कहा कि मेरा एक सपना है, मैं  यहां चुनाव जीतने नहीं आया हूं, मेरा परिवार उत्तर प्रदेश का है, मै उत्तर प्रदेश का हूं, उत्तर प्रदेश में सब कुछ है लेकिन विकास नहीं, इसे बदलना है.
मेरा सपना है कि अगर किसी को इलाज  कराना हो तो वो कहे कि उत्तर प्रदेश में जाकर इलाज करवाऊंगा और अगर किसी को इंजीनियर बनना हो तो वो अपने मां-बाप से कहे कि उसे उत्तर प्रदेश के कॉलेज से इंजीनियरिंग करनी है, और यह कोई मुश्किल काम नहीं है.

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