सरफ़राज़ ख़ान
टमाटर दुनिया में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाली सब्ज़ी है. इसे पहले वानसप्तिक नाम लाइकोपोर्सिकान एस्कुलेंटक मिल है. अब इसे सोलेनम लाइको पोर्सिकान के नाम से जाना जाता है. टमाटर रोआनौक द्वीप का है. कई व्यक्तियों की यही धारणा है कि इसकी उत्पत्ति दक्षिण अमेरिका की एंडीज नाम की जगह पर हुई थी. वहां यह प्रावासी रेड इंडियनों के ज़रिये खेतों में लगाया जाता था. कई व्यक्ति इसे अपनी क्यारियों में लगाने लगे. मैक्सिको में तो इसे टोमाटो नाम और मय जाति के व्यक्तियों ने इस फिन्टो मैंटल नाम से भी पुकारा और इसकी उत्तम खेती करने लगे. टमाटर के पौधों को लोग कालांतर में तो मेटल या हौमेटो कहने लगे. उसी 16वीं शताब्दी लाईन लगाओ यूरोप टमाटरों को ले गए. वहां 18 वीं शताब्दी तक लोग इसे साग सब्ज़ी नहीं, बल्कि सजावट की चीज़ मानते थे. कई लोग टमाटर को सजावट के पौधो के तौर पर अपने गुलदान में लगाते थे. कई लोगों की ये धारणाएं थीं कि टमाटर में लाल दिखाई देने वाला पदार्थ रक्त होता है. इस पौधे का इस्तेमाल केवल खाने की मेज़ सजाने के लिए किया जाता था. टमाटर यहीं तक ही सीमित था. टमाटर को पहले केवल एक सुंदर चीज़ की नज़रों से परखा जाता था, वहीं धीरे-धीरे टमाटर को प्रयोग में लाया जाने लगा. एक के बाद एक चीज़ टमाटर की बने लगी. कई तरह की टमाटर की चटनियां बनाई गईं, जो कई प्रकार के खानों में भी उपयोगी साबित हुईं. 1812 ई. में अमेरिका के जहाज़ पर रगंसाज़ी का काम करने वाले एक व्यक्ति ने टमाटर के जुड़ी हुई भ्रांतियों की सच्चाई का पता लगाने की कोशिश की. उसे बहुत रोका गया, लेकिन वह अपनी ज़िद पर पूरी तरह से अड़ा रहा कि वह टमाटर ज़रूर खाएगा. जब उसके दोस्तों ने देखा कि टमाटर खाकर वह ज़िंदा है, मरा नहीं. न ही उसे किसी तरहे की पीड़ा हुई, तो सारे दोस्तों ने झटपट टमाटर खाने शुरू कर दिए, एक अख़बार ने यह ख़बर छापी थी.
उस राज्य में टमाटर उगाए जाने लगे और वे हर व्यक्ति के खाने का उपयोगी हिस्सा बनते जा रहे थे. इसे विश्वभर में शौहरत दिलावाने में जोसेफ़ कैम्प बेले ने बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने बड़े-बड़े पके लाल टमाटरों को सर्वप्रथम डिब्बों में भर कर सूप की शुरुआत की. फिर यह दुनियाभर में मशहूर एकमात्र चीज़ बन गया. इसका प्रयोग हर वर्ग के लोगों में लोकप्रय हुआ.
यहां तक कि लोग अनेक क़िस्मों के टमाटरों की खेती करने लगे. यह भी लोकप्रिय साबित हुई. टमाटर की संकर क़िस्में भी विकसित की जाने लगीं. एक तरफ़ जहां इसे फल का नाम दिया गया, वहां दूसरी ओर पकी हुई सब्ज़ी का स्वाद बढ़ाने के लिए इसका प्रयोग किया जाने लगा. इसे पौष्टिकता के लिए नहीं, बल्कि इसके स्वाद की वजह से भी लोकप्रियता मिली. टमाटर रसोई घर का हिस्सा बन गया. टमाटर विटामिनों से भरपूर है. इसमें विटामिन ए होता है, जो मुख्य रूप से चिकनाई युक्त खाद्य पदार्थो जैसे दूध, मक्खन घी मे मिलता है. टमाटर घी-दूध की अपेक्षा ज़्यादा सरलता से शरीर में उपयोग में आता है. टमाटर में विटामिन बी पर्याप्त मात्रा में रहता है, जो पेट साफ़ करने के साथ साथ नाड़ी मंडल को भी पुष्ट करता है. यह रक्त संवर्धन और रक्त को शुध्द रखता है. जो 200-250 ग्राम टमाटर खाने वाला हो, वह कभी विटामिन सी की कमी का शिकार नहीं रहता है. 


أنا أحب محم صَلَّى ٱللّٰهُ عَلَيْهِ وَآلِهِ وَسَلَّمَ

أنا أحب محم صَلَّى ٱللّٰهُ عَلَيْهِ وَآلِهِ وَسَلَّمَ
I Love Muhammad Sallallahu Alaihi Wasallam

फ़िरदौस ख़ान का फ़हम अल क़ुरआन पढ़ने के लिए तस्वीर पर क्लिक करें

या हुसैन

या हुसैन

फ़िरदौस ख़ान की क़लम से

Star Web Media

सत्तार अहमद ख़ान

सत्तार अहमद ख़ान
संस्थापक- स्टार न्यूज़ एजेंसी

ई-अख़बार पढ़ें

ब्लॉग

एक झलक

Followers

Search

Subscribe via email

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

साभार

इसमें शामिल ज़्यादातर तस्वीरें गूगल से साभार ली गई हैं