सरफ़राज़ ख़ान
टाइप 2 डायबिटीज़ के वे मरीज़ जो शुगर को क़ाबू करने के चक्कर में इसे नार्मल से नीचे तक पहुंचा देते हैं, उनमें यह हानिकारक हो सकता है.
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल के मुताबिक़ एक बड़े अध्ययन में ऐसे मधुमेह रोगियों को शामिल किया गया, जिनमे हृदय बीमारी का ख़तरा बहुत ज़्यादा, जिन्हें एकार्ड कहते हैं, में अपनाया गया. इसमें पाया गया कि ब्लड शुगर का गिरना सामान्य रूप से स्वस्थ लोगों में भी चिंता का विषय है, कई में तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है.
अध्ययन में बूढ़े लोग जो थेरेपी के ज़रिये सामान्य स्तर के ब्लड शुगर को पाने की कोशिश करते रहे, उनमें मौत का ख़तरा ज़्यादा पाया गया बनिस्बत समान समूह वर्ग के उन मरीज़ों के जिनमें शुगर का स्तर हल्का था. नार्मल ब्लड शुगर पिछले तीन महीने का औसतन होता है, जिसे ए1सी कहते हैं और यह 6 फ़ीसद से कम होता है. मधुमेह रोगियों को चाहिए कि वे ए1सी स्तर 7 ओर 7.5 के बीचे रखें.