स्टार न्यूज़ एजेंसी
अगर आपकी उम्र 40 साल से कम है और आपका इतिहास मधुमेह, रक्तचाप या हृदय बीमारी का रहा है और वज़न की सामान्यता का पता लगाने के लिए इसे बॊडी मास इन्डेक्स (बीएमआई) से जानते हैं, लेकिन तोंद का मोटापा होने पर या 18 साल की उम्र से 10 किलो ज्यादा वज़न को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. इससे बचने के लिए अपने हृदय रोग विशेषज्ञ से मिलें, ताकि भविष्य में हृदयाघात के खतरे से बचा जा सके.
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल के मुताबिक़ 20 से 23 kg/m2 का बीएमआई होने पर खतरा न के बराबर होता है जब तक कि फैट की मात्रा ज्यादा न हो या फिर 18 साल की उम्र में ही सामान्य से 10 किग्रा अधिक वज़न हो जाए।
- 23 से 30 kg/m2 का बीएमआई होना कम खतरे को दर्शाता है, जबकि 30 से 35 kg/m2 होने पर मध्यम श्रेणी का खतरा होता है।
- 35 से 40 kg/m2 का बीएमआई होने पर खतरा उच्च श्रेणी का होता है और जिनका बीएमआई 40 kg/m2 से अधिक होता है, तो उनमें मोटापा होने के साथ ही खतरा भी कहीं ज्यादा होता है.
- बीएमआई के दिये गए स्तर के साथ ही कमर का फैट बढ़ने (कूल्हे के वज़न के अनुपात में बढ़ोतरी, डब्ल्यूएचआर), हाइपरलीपीडीमिया, हाइपरटेंषन, 40 साल से कम उम्र, पुरुष और जिनका मधुमेह, उच्च रक्तचाप या हृदय बीमारी का इतिहास रहा हो, उनमें इसका खतरा बढ़ता जाता है.
- बीएमआई, मोटापे का पता लगाने का सबसे बढ़िया और उचित तरीका है. इसे व्यक्ति की ऊंचाई और वज़न के हिसाब से मापा जाता है.
बीएमआई : शरीर का वज़न (किग्रा में) और ऊंचाई यानी लम्बाई (मीटर में)
अत्यधिक वज़न की स्थिति तब होती है, जब बीएमआई 23 से 30 kg/m2 के बीच हो और मोटापे की स्थिति 30 kg/m2 से अधिक होने पर होती है.