राजेंद्र चौहान
क्या आप जानते हैं कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को ’शहज़ादा’ लक़ब यानी उपनाम किसने दिया है? दरअसल, राहुल गांधी को शहज़ादा नाम देने वाली फ़िरदौस ख़ान हैं, जो शाइरा, लेखिका और पत्रकार हैं. उन्हें लफ़्ज़ों के जज़ीरे की शहज़ादी के नाम से जाना जाता है.
राहुल गांधी को ’शहज़ादा’ लक़ब दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर फ़िरदौस ख़ान बताती हैं कि राहुल गांधी कांग्रेस के उपाध्यक्ष हैं. एक ऐसे परिवार से ताल्लुक़ रखते हैं, जिसने देश के लिए अनेक क़ुर्बानियां दी हैं. लेकिन यह देखकर दुख होता है कि अपने ही देश में राहुल गांधी को न जाने कैसे-कैसे नामों से ट्रोल किया जाता है. एक गिरोह ने उन्हें ’पप्पू’ और ’अमूल बेबी’ जैसे नाम देकर उनका मज़ाक़ उड़ाने में कोई कमी नहीं छोड़ी. यह राहुल गांधी की शिष्टता ही है, कि वे अपने विरोधियों का नाम भी सम्मान के साथ लेते हैं, उनके नाम के साथ ’जी’ लगाते हैं. जबकि उनके विरोधी भले ही वे देश के बड़े से बड़े पद पर हों, राहुल गांधी के लिए ग़लत शब्दों का इस्तेमाल करते हैं. यह देख और सुनकर बुरा लगता था. तब ज़ेहन में आया कि क्यों न उन्हें कोई अच्छा-सा नाम दिया जाए. तब से हमने अपनी हर तहरीर में उनके लिए ’हिन्दुस्तान का शहज़ादा’ लक़ब का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. और यह नाम चलन में आ गया. अब उनके विरोधी भी ’शहज़ादा’ लक़ब का इस्तेमाल करते हैं.
ग़ौरतलब है कि स्टार न्यूज़ एजेंसी की संपादक फ़िरदौस ख़ान अपने बलॊग्स पर ’हिन्दुस्तान का शहज़ादा’ नाम से राहुल गांधी पर लिखती हैं और फ़ेसबुक पर भी उन्होंने इसी नाम से एक पेज बनाया हुआ है.
फ़िरदौस ख़ान ने वंदे मातरम का पंजाबी अनुवाद भी किया था. उन्होंने सूफ़िज़्म पर एक किताब भी लिखी है, जिसका नाम है गंगा-जमुनी संस्कृति के अग्रदूत. इस किताब की प्रस्तावना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंदेश कुमार ने लिखी है.
क्या आप जानते हैं कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को ’शहज़ादा’ लक़ब यानी उपनाम किसने दिया है? दरअसल, राहुल गांधी को शहज़ादा नाम देने वाली फ़िरदौस ख़ान हैं, जो शाइरा, लेखिका और पत्रकार हैं. उन्हें लफ़्ज़ों के जज़ीरे की शहज़ादी के नाम से जाना जाता है.
राहुल गांधी को ’शहज़ादा’ लक़ब दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर फ़िरदौस ख़ान बताती हैं कि राहुल गांधी कांग्रेस के उपाध्यक्ष हैं. एक ऐसे परिवार से ताल्लुक़ रखते हैं, जिसने देश के लिए अनेक क़ुर्बानियां दी हैं. लेकिन यह देखकर दुख होता है कि अपने ही देश में राहुल गांधी को न जाने कैसे-कैसे नामों से ट्रोल किया जाता है. एक गिरोह ने उन्हें ’पप्पू’ और ’अमूल बेबी’ जैसे नाम देकर उनका मज़ाक़ उड़ाने में कोई कमी नहीं छोड़ी. यह राहुल गांधी की शिष्टता ही है, कि वे अपने विरोधियों का नाम भी सम्मान के साथ लेते हैं, उनके नाम के साथ ’जी’ लगाते हैं. जबकि उनके विरोधी भले ही वे देश के बड़े से बड़े पद पर हों, राहुल गांधी के लिए ग़लत शब्दों का इस्तेमाल करते हैं. यह देख और सुनकर बुरा लगता था. तब ज़ेहन में आया कि क्यों न उन्हें कोई अच्छा-सा नाम दिया जाए. तब से हमने अपनी हर तहरीर में उनके लिए ’हिन्दुस्तान का शहज़ादा’ लक़ब का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. और यह नाम चलन में आ गया. अब उनके विरोधी भी ’शहज़ादा’ लक़ब का इस्तेमाल करते हैं.
ग़ौरतलब है कि स्टार न्यूज़ एजेंसी की संपादक फ़िरदौस ख़ान अपने बलॊग्स पर ’हिन्दुस्तान का शहज़ादा’ नाम से राहुल गांधी पर लिखती हैं और फ़ेसबुक पर भी उन्होंने इसी नाम से एक पेज बनाया हुआ है.
फ़िरदौस ख़ान ने वंदे मातरम का पंजाबी अनुवाद भी किया था. उन्होंने सूफ़िज़्म पर एक किताब भी लिखी है, जिसका नाम है गंगा-जमुनी संस्कृति के अग्रदूत. इस किताब की प्रस्तावना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंदेश कुमार ने लिखी है.