महंगाई के विरुद्ध
शुरू हो गया नेताओं के, भाषण का उन्मादी युद्ध ??
लड़ाकू विमान में !
बैठ गए सब रुई ठूंसकर, अपने-अपने कान में !!
'क़ानून-दिवस' मनाया !
खुद हम उसको कैसे तोड़ें, इस बारे में भी समझाया ??
तबाही की वो रात !
छब्बिस-ग्यारह के हमलों पर, संसद में क्या उछली बात ??
शहीदों पर नाज !
सिर्फ हमें करना है आज ??
भूख-हड़ताल !
जब तक भूखा ख़त्म नहीं हो, भूख इस कदर लम्बी टाल !!
कार्य-बहिष्कार !
जिन पर कार्य नहीं है उनको, पूरा है इसका अधिकार !!
मशाल-जुलूस !
पिलवाया मांगों का जूस ??
दम तोड़ा !
बीवी-बच्चों को क्या छोड़ा ??
शहीद !
इनके घर क्या दीवाली थी, इनके घर क्या होगी ईद ??
प्रोपर्टी-विवाद में !
'फोटो पर माला चढ़ती है,' इतना रक्खें याद में !!
-अतुल मिश्र
ग़ालिब की डायरी है दस्तंबू
-
*फ़िरदौस ख़ान*
हिन्दुस्तान के बेहतरीन शायर मिर्ज़ा ग़ालिब ने उर्दू शायरी को नई ऊंचाई दी.
उनके ज़माने में उर्दू शायरी इश्क़, मुहब्बत, विसाल, हिज्र और हुस्...
