चांदनी
नई दिल्ली. टाइप 2 मधुमेह और किडनी की बीमारी के शिकार लोग अगर सोया प्रोटीन से भरपूर खुराक लेते हैं तो उनमें हृदय, रक्त की नसों और गुर्दे सम्बंधी समस्या काबू करने में मदद मिलती है।
जर्नल डायबिटीज केयर में प्रकाशित ईरान के शोधकर्ता का हवाला देते हुए हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल ने बताया कि टाइप 2 डायबिटीज के साथ ही किडनी की बीमारी से ग्रसित लोगों में हृदय सम्बंधी बीमारी और किडनी सम्बंधी बीमारियों पर सोया प्रोटीन का सकारात्मक असर होता है। इसफहान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज में प्रकाशित अध्ययन में जिसमें मरीजों की तुलना की गई कि और जिन्होंने सोया प्रोटीन का सेवन किया उनमें फास्टिंग ब्लड शुगर, टोटल कोलेस्ट्रॉल, ''बेड'' एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लाइसराड्स में महत्वपूर्ण कमी देखी गई।
इसके साथ ही सी-रिएक्टिव प्रोटीन स्तर (शरीर में इन्फ्लेमेशन का सूचक है) में भी कमी दर्ज की गई जो कि पेशाब में पायी जाती है और किडनी बीमारी की सूचक है। इससे पहले के अध्ययन में दिखाया गया है कि सोया प्रोटीन के सेवन से कम समय में तो फायदा होता है, लेकिन इस रिपोर्ट में दिखाया गया है कि लम्बे समय तक इसके सेवन से भी फायदा होता है।
टमाटर से केंसर का बचाव जरूरी नही
लायकोपीन, जो ओक्सीडेन्ट केंसर से लड़ने के लिए टमाटर और केचअप में पाया जाता है वह प्रोस्ट्रोट केंसर से लड़ने के लिए नाकाम देखा गया। डॉ. के के अग्रवाल ने यह भी कहा कि एन्टीआक्सीडेन्ट ज्यादा लेने से जो और सब्जियों में पाया जाता है, बीटाकेरोटीन प्रोस्ट्रेट केंसर की संभावना को बढ़ा देता है। द जर्नल केंसर एपीडीमिओलॉजी, बाओमार्कस और प्रीवेंशन में छपे अघ्ययन के अनुसार 28,000 लोगों में देखा गया कि टमाटर, केचप एवं पिज्जा में पाया जाने वाला टमाटर प्रोस्ट्रेट केंसर की संभावना को कम नही करता।