दैनिक ट्रिब्यून सहित देशभर के कई प्रतिष्ठित समाचारपत्र-पत्रिकाओं के साप्ताहिक स्तंभ ‘जीव-जंतुओं की अनोखी दुनिया’ के स्तंभकार श्री योगेश कुमार गोयल आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। पिछले दो दशकों में प्रमुख राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में उनके आठ हजार से भी अधिक आलेख उनकी रचनात्मक पत्रकारिता एवं लेखन के प्रमाण कहे जा सकते हैं। एक समाचार आलेख सेवा एजेंसी के सम्पादक के तौर पर भी उन्होंने कुशल सम्पादन के अलावा सामाजिक सरोकारों से जुड़े बहुआयामी पक्षों को रेखांकित करते हुए जो समसामयिक लेखन किया है, वह सही मायने में पत्रकारिता के लिए एक मिसाल है। उनके इसी समसामयिक एवं प्रासंगिक लेखन पर आधारित है उनकी नई पुस्तक ‘‘तीखे तेवर’’, जिसमें उनके पच्चीस निबंध शामिल किए गए हैं। पुस्तक का खास पहलू यह है कि ‘तीखे तेवर’ सामाजिक सरोकारों से जुड़े ऐसे पक्ष हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
            युवा कलमकार श्री गोयल के लेखन में उनके पत्रकार व लेखक के नैतिक दायित्वों का दिशाबोध साफ तौर पर झलकता है। बात चाहे ‘धर्म-जाति के नाम पर भड़कते दंगे’ नामक आलेख की हो या फिर ‘आस्था की चाशनी में लिपटी अंधविश्वास की कुनैन’ की, उनकी लेखनी राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता की जिम्मेदारी को सामने रखते हुए धर्म एवं जाति के तथाकथित ठेकेदारों को नंगा करते हुए राष्ट्रबोध की प्रेरणा जगाती है। ‘कहर मौत के अंधेरे कुओं का’ नामक आलेख में उन्होंने ‘प्रिंस प्रकरण’ के दूसरे चेहरे को बड़ी खूबसूरती से उजागर किया है। ‘बचपन बेचते नौनिहाल’, ‘रैगिंग: नहीं अब और नहीं’, ‘ठण्डा के नाम पर बिकता जहर’, ‘रियलिटी शो कितने रीयल’, ‘आफत बना शोर’, ‘जनसंख्या नियंत्रण’, ‘पान मसाला: एक पाउच कैंसर’, ‘शरीर को खोखला बनाते मादक पदार्थ’, ‘आफत बना मोबाइल’ जैसे अनेक निबंध न केवल सामाजिक विसंगितयों को रेखांकित करते हैं अपितु तथ्यपरक आंकड़ों के साथ उनके समाधान की ओर भी इशारा करते हैं।
            इस पुस्तक में पर्यावरण असंतुलन तथा जल संरक्षण जैसे वैश्विक समसामयिक मुद्दों को ‘भयावह खतरे ग्लोबल वार्मिंग के’, ‘बिगड़ता मिजाज मौसम का’, ‘पानी के लिए अगला विश्व युद्ध’ आदि निबंधों के माध्यम से पूरी बेबाकी तथा तथ्यों के साथ प्रस्तुत करते हुए इनके संरक्षण एवं संवर्द्धन के उपाय भी सुझाये हैं। ‘एड्स नियंत्रण के लिए गंभीर प्रयासों की जरूरत’, ‘मूर्ति विसर्जन से प्रदूषित होता वातावरण’, ‘मौत का पूरा सामान मौजूद है कोल्ड ड्रिंक्स में’ तथा ‘असुरक्षा, बेबसी और आतंक ही हैं हमारी नई पहचान’ जैसे आलेख संबंधित विषयों के उन पहलुओं को प्रमुखता से उजागर करते हैं, जो अक्सर हाशिये पर रहते हैं।
            रचनात्मक पत्रकारिता के पक्षधर, पोषक और सजग प्रहरी श्री गोयल ने संक्रमण के दौर से अपनी बिरादरी पर भी अनेक सवालिया निशान उठाते हुए नैतिक दायित्व बोध कराया है। ‘क्या महज मीडिया का फैशन ही है पुलिस की आलोचना करना?’, ‘राष्ट्रीय अखण्डता और प्रेस की भूमिका’ तथा ‘प्रिंट मीडिया बनाम इलैक्ट्रॉनिक मीडिया’ जैसे आलेख संविधान के चौथे स्तंभ पर तीखे तेवर हैं।
            पुस्तक के सभी निबंध विचारोत्तेजक हैं तथा सामाजिक व राष्ट्रीय सरोकारों से जुड़े हैं। इन आलेखों की भाषा पुस्तक के शीर्षक के अनुरूप तीखी है। आवरण विषयानुरूप व प्रभावी है। यह पुस्तक एक ओर जहां वैचारिक महायज्ञ में प्रेरक आहुति का काम करेगी, वहीं लेखक का यह प्रयास सामाजिक अभियंताओं तथा शोधार्थियों के लिए शोध का विषय बनकर अपनी विशिष्ट पहचान बनाएगा, ऐसी आशा है।
समीक्षक: सत्यवीर ‘नाहड़िया’

पुस्तक: तीखे तेवर
लेखक: योगेश कुमार गोयल
पृष्ठ संख्या: 160
मूल्य: 150 रुपये
संस्करण: 2009
प्रकाशक: मीडिया एंटरटेनमेंट फीचर्स, बादली, जिला झज्जर (हरियाणा)-124105.


أنا أحب محم صَلَّى ٱللّٰهُ عَلَيْهِ وَآلِهِ وَسَلَّمَ

أنا أحب محم صَلَّى ٱللّٰهُ عَلَيْهِ وَآلِهِ وَسَلَّمَ
I Love Muhammad Sallallahu Alaihi Wasallam

फ़िरदौस ख़ान का फ़हम अल क़ुरआन पढ़ने के लिए तस्वीर पर क्लिक करें

या हुसैन

या हुसैन

फ़िरदौस ख़ान की क़लम से

Star Web Media

सत्तार अहमद ख़ान

सत्तार अहमद ख़ान
संस्थापक- स्टार न्यूज़ एजेंसी

ई-अख़बार पढ़ें

ब्लॉग

  • आज पहली दिसम्बर है... - *डॉ. फ़िरदौस ख़ान* आज पहली दिसम्बर है... दिसम्बर का महीना हमें बहुत पसंद है... क्योंकि इसी माह में क्रिसमस आता है... जिसका हमें सालभर बेसब्री से इंतज़ार रहत...
  • Hazrat Ali Alaihissalam - Hazrat Ali Alaihissalam said that silence is the best reply to a fool. Hazrat Ali Alaihissalam said that Not every friend is a true friend. Hazrat Ali...
  • Dr. Firdaus Khan - Dr. Firdaus Khan is an Islamic scholar, poetess, author, essayist, journalist, editor and translator. She is called the princess of the island of the wo...
  • میرے محبوب - بزرگروں سے سناہے کہ شاعروں کی بخشش نہیں ہوتی وجہ، وہ اپنے محبوب کو خدا بنا دیتے ہیں اور اسلام میں اللہ کے برابر کسی کو رکھنا شِرک یعنی ایسا گناہ مانا جات...
  • आज पहली दिसम्बर है... - *डॉ. फ़िरदौस ख़ान* आज पहली दिसम्बर है... दिसम्बर का महीना हमें बहुत पसंद है... क्योंकि इसी माह में क्रिसमस आता है... जिसका हमें सालभर बेसब्री से इंतज़ार र...
  • 25 सूरह अल फ़ुरक़ान - सूरह अल फ़ुरक़ान मक्का में नाज़िल हुई और इसकी 77 आयतें हैं. *अल्लाह के नाम से शुरू, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है*1. वह अल्लाह बड़ा ही बाबरकत है, जिसने हक़ ...
  • ਅੱਜ ਆਖਾਂ ਵਾਰਿਸ ਸ਼ਾਹ ਨੂੰ - ਅੱਜ ਆਖਾਂ ਵਾਰਿਸ ਸ਼ਾਹ ਨੂੰ ਕਿਤੋਂ ਕਬੱਰਾਂ ਵਿਚੋਂ ਬੋਲ ਤੇ ਅੱਜ ਕਿਤਾਬੇ-ਇਸ਼ਕ ਦਾ ਕੋਈ ਅਗਲਾ ਵਰਕਾ ਫੋਲ ਇਕ ਰੋਈ ਸੀ ਧੀ ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਤੂੰ ਲਿਖ ਲਿਖ ਮਾਰੇ ਵੈਨ ਅੱਜ ਲੱਖਾਂ ਧੀਆਂ ਰੋਂਦੀਆਂ ਤ...

एक झलक

Followers

Search

Subscribe via email

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

साभार

इसमें शामिल ज़्यादातर तस्वीरें गूगल से साभार ली गई हैं