स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. सर्वोच्च न्यायालय ने आज गुजरात उच्च न्यायालय के उस आदेश को स्थगित करने से इंकार कर दिया, जिसमें राज्य सरकार को निर्देश दिया गया था कि वह 2002 के दंगों के दौरान क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक स्थलों की मरम्मत के लिए भुगतान करे.
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की पीठ ने दंगों के दौरान क्षतिग्रस्त धार्मिक स्थलों की बहाली की योजना तैयार करने की ज़िम्मेदारी राज्य सरकार पर छोड़ दी. न्यायालय ने कहा कि राज्य सरकार ओडिशा सरकार की तर्ज़ पर एक योजना तैयार कर सकती है, जिसने कंधामाल ज़िले में 2008 में हुए ईसाई विरोधी दंगे के दौरान क्षतिग्रस्त चर्चों की बहाली के लिए योजना बनाई थी. गुजरात के अतिरिक्त महाधिवक्ता तुषार मेहता ने न्यायालय में कहा कि अदालत के आदेश के क्रियान्वयन के लिए उन्हें मोहलत चाहिए. न्यायालय ने उच्च न्यायालय के उस कथ्य पर भी स्थगन नहीं दिया, जिसमें धार्मिक स्थलों के क्षतिग्रस्त होने के लिए अपर्याप्त कार्रवाई को ज़िम्मेदार ठहराया गया था.