फ़िरदौस ख़ान  
अभिनेता अनुपम खेर किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. उन्होंने साढ़े चार सौ से ज़्यादा फ़िल्मों में अनेक किरदार निभाए हैं. प्रभात प्रकाशन समूह के प्रभात पेपरबैक्स द्वारा उनकी एक किताब प्रकाशित की गई है, जिसका नाम है आप ख़ुद ही बेस्ट हैं. अपने नाम के मुताबिक़ ही यह किताब इंसान का ख़ुद से बेहतर तरीक़े से परिचय कराती है. उसे बताती है कि वह दुखी क्यों है, और वह सुख को किस तरह हासिल कर सकता है. दरअसल, सुख और दुख एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. दुख या सुख का संबंध व्यक्ति के अपने मन, अपने विचारों और अपने कार्यों से ही होता है. एक जैसे हालात में कोई व्यक्ति ख़ुद को सुखी, तो कोई ख़ुद को दुखी महसूस करता है. यह कहना ग़लत न होगा कि इच्छाएं ही दुख की असल वजह हैं. जिस व्यक्ति की जितनी ज़्यादा आकांक्षाएं होंगी, उसके दुखी होने की उतनी ही ज़्यादा संभावना रहती है. इस किताब में भी अनुपम खेर ने यही बताने की कोशिश की है. यह किताब उनकी ज़िन्दगी के खट्टे-मीठे अनुभव का निचो़ड़ है.
हमारे विचारों का ताल्लुक़ हमारी ज़िन्दगी से है. ये विचार ही तो हैं, जो हमारी ज़िन्दगी को प्रभावित करते हैं. बक़ौल लेखक, एक अनुमान के मुताबिक़ औसतन 60 हज़ार विचार हमारे दिमाग़ से गुज़रते हैं. हम में से अधिकतर का अपने विचारों पर कोई नियंत्रण नहीं होता. विचार पारे की तरह होते हैं, जिन्हें पकड़ा नहीं जा सकता है. लेकिन हमें अपने विचारों पर कुछ नियंत्रण ज़रूर होना चाहिए, वरना हम उनके दास बन जाते हैं. विचार किस प्रकार से हमारी क़िस्मत को आकार देते हैं, इसकी सबसे तार्किक व्याख्या मैंने हिज होलीनेस 14वें दलाई दामा की पढ़ी है. वह कहते हैं- अपने विचारों पर ध्यान दें, क्योंकि वे शब्द बनते हैं. अपने शब्दों पर ध्यान दें, क्योंकि वे कार्य बन जाएंगे हैं. अपने कार्यों पर ध्यान दें, क्योंकि वे आदत बन जाएंगे. अपनी आदतों पर ध्यान दें, क्योंकि वे आपका चरित्र बनाएंगे. अपने चरित्र पर ध्यान दें, क्योंकि वह आपकी क़िस्मत बनाएगा. आपकी क़िस्मत आपका जीवन होगी.
अनुपम खेर वर्तमान में जीने में यक़ीन रखते हैं. वह लिखते हैं- दुख का एक मुख्य कारण यह है कि हम में से अधिकतर लोग अतीत या भविष्य के बारे में चिंतित रहते हैं या उसके बारे में सोचते रहते हैं. हम वर्तमान में जीते हुए उसका अधिकांश लाभ नहीं उठाना चाहते. हम ऐसी बीती घटनाओं को याद करते रहते हैं, जिन्होंने हमारे जीवन को प्रभावित किया, अधिकांश ने नकारात्मक रूप में और फिर लगातार ख़ुद से कहते रहते हैं-अगर ऐसा होता, तो कैसा होता. यदि हम अतीत को प्रेमपूर्वक याद नहीं करते, तो हम अपने साथ घटी घटनाओं के लिए दूसरों को दोषी ठहराने की कोशिश करते हैं. मुझे बहुत से ऐसे लोग मिले हैं, जो अतीत को स्वीकार नहीं कर पाए, चाहे वह टूटे संबंध में हो या गए धन के बारे में. दुर्भाग्यवश, वे अपने वर्तमान के लिए कुछ ख़ास नहीं कर पाते, क्योंकि उनका अतीत हमेशा उसमें दख़ल देता है. ऐसे लोगों के दिमाग़ में अवसाद आसानी से घर बना लेता है. और फिर स्थितियां बिगड़ती जाती हैं. कृपया याद रखें कि अतीत बदला नहीं जा सकता और भविष्य अनिश्चित होता है. हमारे पास सिर्फ़ वर्तमान होता है. और वर्तमान ही भविष्य को बदलने में मदद कर सकता है. इसलिए बेहतर यह है कि हम एकाग्र रूप से जीते हुए अपने पास उपलब्ध हर पल का लाभ उठाएं. जीवन में किसी अनुभव से बचने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, हमें उसे जीना चाहिए. उदाहरण के लिए, हम बचपन को छोड़कर सीधे जवानी में प्रवेश नहीं कर सकते. बच्चे का जीवन जीना और डर, वैर-भाव और दिवास्वप्नों से गुज़रना ज़रूरी है. मैं अपने अनुभव से आपको बता सकता हूं कि जो बाल कलाकार अपना सामान्य बचपन नहीं बिता पाए, वे हमेशा महसूस करते हैं कि उन्होंने अपने मासूमियत के दिन खो दिए. इसलिए याद आप लिख रहे हैं, जो कि इस क्षण मैं कर रहा हूं, तो लेखन में ख़ुद को डुबो दें. यदि आप नृत्य कर रहे हैं, तो उसमें खो जाएं. और यदि बारिश हो रही है, जो वर्षा के मौसम में होती है, तो बाहर जाकर उसका आनंद लें. हर पल को इस तरह जिएं और उसका मज़ा लें, जैसे कि वह आपका आख़िरी पल हो. अंग्रेजी में एक कथन है कि यदि आप सिक्कों का ध्यान रखेंगे, तो पाउंड अपना ध्यान ख़ुद रख लेंगे. इसी प्रकार मैं मानता हूं कि यदि हम अपने पलों को जिएं, तो हमारा जीवन अपने आप ख़ुशगवार हो जाएगा. प्रेरणादायी और आत्मनिर्भरता पर लिखने वाले दुनिया के सबसे अधिक पढ़े जाने वाले लेखकों में एक ओग मेंडिनो, जिन्होंने जीवन की चुनौतियों से जूझ रहे लोगों को उम्मीद की किरण दिखाई है, को उद्‌धृत करना चाहता हूं- इस दिन को ऐसे जिएं मानो यह आपका आख़िरी दिन है. याद रखिए कि आपको आने वाला कल सिर्फ़ मूर्खों के कैलेंडर पर मिलेगा. बीते हुए कल की पराजय को भूल जाएं और आने वाले कल की समस्याओं को अनदेखा कर दें. यह क़यामत का दिन है, जो आपके पास है. इसे वर्ष का बेहतरीन दिन बनाएं. आप जो सबसे दुखद शब्द बोल सकते हैं, वह है- यदि मुझे एक और ज़िन्दगी मिल जाती. अभी कमर कस लें और दौड़ पड़ें यह आपका दिन है.
कोई भी अच्छी बात ज़िन्दगी को बदल सकती है. अपनुपम खेर भी यही मानते हैं कि एक अच्छी कहानी हमारा जीवन बदल सकती है. वह लिखते हैं- बाइबिल का एक प्रसिद्ध कथन है, अपनी रौशनी को छुपाकर न रखें. यहां रौशनी का मतलब आपकी प्रतिभा या क्षमता से है. वास्तव में, बाइबिल के ज़माने से, आपको ऐसे लोग मिलेंगे, जो अपने और अपनी उपलब्धियों के बारे में शोर मचाने में विश्वास नहीं रखते. उन्हें विश्वास होता है कि उनका काम ख़ुद ही अपने बारे में बोलेगा. वाक़ई यह महान लोगों की विशेषता रही है, क्योंकि उन्होंने अपनी प्रतिभा या आविष्कारों को प्रचारित करने के लिए कोई मुनादी नहीं करवाई. क्या आप विलियम शेक्सपियर की कल्पना अपने नाटकों को का विज्ञापन करते हुए कर सकते हैं? या वुल्फ़गेंग अमेडस मोजार्ट की अपने संगीत का प्रचार करते हुए? या लियोनार्डो दा विंची की अपनी प्रतिभा के बारे में बताते हुए? बेशक, आपका जवाब नहीं होगा.
अनुपम खेर ने पचास अध्यायों में अपनी ज़िन्दगी के अनुभवों के आधार पर विचार प्रस्तुत किए हैं. उन्होंने अपनी बात रखते वक़्त कई उदाहरणों को शामिल किया है, ताकि समझने वाला बेहतर तरीक़े से उनके विचारों की गहराई तक पहुंच सके. किताब की भाषा शैली सरल है. पेपर बैक्स होने की वजह से इसकी क़ीमत भी वाजिब ही है. बहरहाल, यह किताब पाठकों को पसंद आएगी.
समीक्ष्य कृति : आप ख़ुद ही बेस्ट हैं
लेखक : अनुपम खेर
प्रकाशक : प्रभात पेपरबैक्स



ईद की मुबारकबाद

ईद की मुबारकबाद

फ़िरदौस ख़ान की क़लम से

Star Web Media

ई-अख़बार पढ़ें

ब्लॉग

  • फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते - *फ़िरदौस ख़ान*ज़िन्दगी का सबसे ख़ूबसूरत हिस्सा बचपन होता है. बचपन की यादें हमारे दिलो-दिमाग़ पर नक़्श हो जाती हैं. और जब बात गर्मियों की छुट्टियों की हो, त...
  • Elon Musk के Grok : फ़िरदौस ख़ान - *Elon Musk के Grok ने स्टार न्यूज़ एजेंसी की सम्पादक फ़िरदौस ख़ान का परिचय कुछ यूं दिया है🥰* फ़िरदौस ख़ान एक प्रतिष्ठित भारतीय पत्रकार, लेखिका, शायरा और कह...
  • Rahul Gandhi in Berkeley, California - *Firdaus Khan* The Congress vice president Rahul Gandhi delivering a speech at Institute of International Studies at UC Berkeley, California on Monday. He...
  • میرے محبوب - بزرگروں سے سناہے کہ شاعروں کی بخشش نہیں ہوتی وجہ، وہ اپنے محبوب کو خدا بنا دیتے ہیں اور اسلام میں اللہ کے برابر کسی کو رکھنا شِرک یعنی ایسا گناہ مانا جات...
  • हमारा जन्मदिन - कल यानी 1 जून को हमारा जन्मदिन है. अम्मी बहुत याद आती हैं. वे सबसे पहले हमें मुबारकबाद दिया करती थीं. वे बहुत सी दुआएं देती थीं. उनकी दुआएं हमारे लिए किस...
  • 25 सूरह अल फ़ुरक़ान - सूरह अल फ़ुरक़ान मक्का में नाज़िल हुई और इसकी 77 आयतें हैं. *अल्लाह के नाम से शुरू, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है*1. वह अल्लाह बड़ा ही बाबरकत है, जिसने हक़ ...
  • ਅੱਜ ਆਖਾਂ ਵਾਰਿਸ ਸ਼ਾਹ ਨੂੰ - ਅੱਜ ਆਖਾਂ ਵਾਰਿਸ ਸ਼ਾਹ ਨੂੰ ਕਿਤੋਂ ਕਬੱਰਾਂ ਵਿਚੋਂ ਬੋਲ ਤੇ ਅੱਜ ਕਿਤਾਬੇ-ਇਸ਼ਕ ਦਾ ਕੋਈ ਅਗਲਾ ਵਰਕਾ ਫੋਲ ਇਕ ਰੋਈ ਸੀ ਧੀ ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਤੂੰ ਲਿਖ ਲਿਖ ਮਾਰੇ ਵੈਨ ਅੱਜ ਲੱਖਾਂ ਧੀਆਂ ਰੋਂਦੀਆਂ ਤ...

एक झलक

Followers

Search

Subscribe via email

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

साभार

इसमें शामिल ज़्यादातर तस्वीरें गूगल से साभार ली गई हैं