सबसे पहले हम बात करते हैं अकाल मौत की. हक़ीक़त ये है कि अल्लाह ने हर जानदार की मौत का एक वक़्त मुक़र्रर कर रखा है. जब, जहां, जैसे जिसकी मौत लिखी हुई है, उसी तरह उसे मौत आती है. क़ुरआन करीम में अल्लाह तआला फ़रमाता है- “फिर जब उनका वक़्त आ जाता है, तो वे न एक घड़ी पीछे हट सकते हैं और न आगे बढ़ सकते हैं.”
इसीलिए हम कह सकते हैं कि कोई भी अकाल मौत नहीं मरता. सब अपने वक़्त पर ही मरते हैं.

जहां तक किसी की आत्मा द्वारा किसी को परेशान करने का सवाल है, तो ये बात भी बिल्कुल ग़लत है. जब मौत का फ़रिश्ता 'मलक अल-मौत’ किसी की रूह को क़ब्ज़ कर लेता है, तो इसके बाद रूह अपने अंजाम की तरफ़ चली जाती है यानी वह बरज़ख़ में रहती है. बरज़ख़ वह जगह है, जहां क़यामत तक रूहें रहती हैं. जब रूहें बरज़ख़ में पहुंच जाती हैं, तो उनके द्वारा किसी को परेशान करने का सवाल ही पैदा नहीं होता.

अब सवाल ये है कि कुछ लोगों को जो कथित भूत-प्रेत दिखाई देते हैं, आख़िर वे क्या हैं?
दरअसल जिन्हें लोग किसी की आत्मा, भूत या प्रेत समझते हैं, वे जिन्न होते हैं. जिन्न भी एक मख़लूक़ है. क़ुरआन करीम में जिन्नात का ज़िक्र आता है. ये आग से बने होते हैं. इनका काम ही इंसानों को परेशान करना है. हां, कुछ अच्छे जिन्न भी होते हैं.
जिन्न रूप बदलने में माहिर होते हैं.
हमज़ाद के बारे में भी इंशा अल्लाह कभी लिखेंगे.
-फ़िरदौस ख़ान

तस्वीर गूगल से साभार 


أنا أحب محم صَلَّى ٱللّٰهُ عَلَيْهِ وَآلِهِ وَسَلَّمَ

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I Love Muhammad Sallallahu Alaihi Wasallam

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