स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. सरकार ने सभी राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों को अनुदेश जारी किया है कि वे गरीबी रेखा से नीचे अंत्योदय अन्न योजना के परिवारों की मौजूदा सूचियों की समीक्षा करे और अपात्र जाली राशन कार्डों को समाप्त करने के लिए इस साल के आखिर तक गहन अभियान चलाएं। साथ ही सरकार बंगलादेशियों सहित अवैध प्रवासियों को राशनकार्ड जारी करने की घटनाओं के बारे में राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों से जानकारी हासिल कर रही है।
कृषि मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्य मंत्री प्रो. के.वी.थॉमस ने आज लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया 2006 में एक 9 सूत्री कार्ययोजना तैयार की गई थी, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ गरीबी रेखा से नीचे अंत्योदय अन्न योजना की सूचियों की लगातार समीक्षा करना और जालीअपात्र राशन कार्ड समाप्त करना शामिल है। सभी राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों को जनवरी, 2008 में विशेष अनुदेश जारी किए गए थे कि वे जाली राशन कार्ड रखने वाले परिवारों/व्यक्तियों और अपात्र परिवारों/व्यक्तियों को राशनकार्ड जारी करने के लिए जिम्मेदार पाए गए अधिकारियों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई करे।
उन्होंने बताया कि लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अधीन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्तियां बनाए रखने और उनकी उपलब्धता और वितरण सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा 31 अगस्त, 2001 को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2001 जारी किया गया है। इस आदेश के खंड-4 और अनुबंध के पैरा-2 में राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि वे गरीबी रेखा से ऊपर, गरीबी रेखा से नीचे और अंत्योदय अन्न योजना परिवारों को अलग प्रकार के राशनकार्ड जारी करे तथा आवधिक समीक्षा करें और अपात्र तथा जाली राशनकार्डों और राशनकार्डों में जाली यूनिटों की छंटाई करने के लिए राशनकार्डों की जांच करें।
उन्होंने बताया कि केन्द्र और राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों की संयुक्त जिम्मेदारी के अधीन लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली चलाई जाती है। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले पात्र परिवारों की पहचान करने और उन्हें राशन कार्ड जारी करने की प्रचालनात्मक जिम्मेदारियां संबंधित राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों की होती हैं।
