सोनिया गांधी को जन्मदिन की बधाई !
रंग खेलकर, ढोल बजाकर, दे दी, क्योंकि थी महंगाई !!
कार्यक्रम !
जिनमें कार्य पूर्ण होने का, बना रहे आखिर तक भ्रम !!
अफसर !
उच्चपदी चरणों में बिछकर, मातहतों को डांटे जमकर !!
बाबू !
बिन बापू के छपे नोट वो, दिए नहीं आता है काबू !!
शिक्षा-अभियान !
जो हिंदी में गाली दे ले, उसको भी शिक्षित ही मान !!
चीन !
अपनी आबादी की ख़ातिर, कब्जाए निकटस्थ ज़मीन !!
हादसा !
मरने वाले के परिजन को, रह जाता है याद सा !!
महंगा !
छोटी सी स्कर्ट खरीदो, नहीं ज़रूरी, पहनो लहंगा !!
कला !
सरकारी चोरी कर ली पर, पता किसी को नहीं चला !!
सम्मान !
क्या यह हमको फ्री मिलेगा, अगर बेच डालें ईमान ??
पुरस्कार !
हो सकता है कि चुनाव से, पहले इसकी आये बहार !!
-अतुल मिश्र
नजूमी...
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कुछ अरसे पहले की बात है... हमें एक नजूमी मिला, जिसकी बातों में सहर था...
उसके बात करने का अंदाज़ बहुत दिलकश था... कुछ ऐसा कि कोई परेशान हाल शख़्स उससे
बा...
