"आतंकवाद का स्थाई हल निकाला जाए !"
अभी कुछ दिनों टाला जाए ??
ईनाम की घोषणा पर विचार !
कब तक कर लें, अबकी बार ??
भारत-पाक वार्ता !
तू अपनी ग़लती क्यों नहीं स्वीकारता ??
जांच का इंतज़ार !
कब तक जुड़वा देंगे तार ??
सुराग की तलाश !
खुद आकर मिल जाता, काश !!
महंगाई रोको !
रुकने से पहले मत टोको !!
शक की सुई !
अंदाज़े से किधर हुई ??
कई लुटे !
रपट लिखाकर थाने से वे, कपड़े देकर साफ़ छुटे !!
सिफ़ारिश !
कि पड़ोस में ना हो बारिश !!
मुक़दमा !
न्याय, रिश्वत, बिक्री, सदमा !!
बवाल !
क्यूं होते हैं, वजह निकाल !!
-अतुल मिश्र
ग़ालिब की डायरी है दस्तंबू
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*फ़िरदौस ख़ान*
हिन्दुस्तान के बेहतरीन शायर मिर्ज़ा ग़ालिब ने उर्दू शायरी को नई ऊंचाई दी.
उनके ज़माने में उर्दू शायरी इश्क़, मुहब्बत, विसाल, हिज्र और हुस्...
