वाराणसी (उत्तर प्रदेश). कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी वाराणसी में पूरी रौ में नज़र आए. उन्होंने लोगों से कहा कि आप से ही सीख रहा हूं, पर पूरी तरह सीख नहीं पाया. एक बार ठीक से सीख गया फिर देखना. यह कहकर उन्होंने मैदान में मौजूद हज़ारों युवाओं में ग़ज़ब के जोश का संचार कर दिया.
राहुल गांधी ने वाराणसी के बेनियाबाग मैदान में विशाल जनसभा को संबोधित करने से पहले जनता से कई सवाल पूछे. उन्होंने पूछा कि क्या आप 22 सालों में यहां जो हुआ उससे ख़ुश हैं? क्या उत्तर प्रदेश बदल सकता है? पिछले 22 सालों से हर बार चुनाव आते हैं, मगर कोई बदलाव क्यों नहीं होता? तीन बार मुलायम सिंह जी चार बार मायावती जी मुख्यमंत्री रहीं, मगर यह प्रदेश यह शहर वहीं का वहीं खड़ा है.
उन्होंने कहा कि मैंने अमेरिका, इंग्लैंड से पढ़ने के बाद सोचा कि देश के लोगों की मदद करूंगा. मैंने प्लानिंग कमीशन के लोगों से पूछा कि ग़रीबी का मतलब क्या होता है? इस पर आयोग और बड़े-बड़े अधिकारियों ने लम्बे-चौड़े जो जवाब दिए, वे मुझे ठीक नहीं लगे. वहीं गांव की एक महिला ने कहा कि पहले जब मेरे घर के दरवाज़े पर कोई आकर पूछता था कि अंदर कोई है तो मेरा जवाब होता था कि घर में कोई नहीं है. उस समय मैं ग़रीब थी. आज कोई पूछता है तो मैं अपना नाम बताती हूं. राहुल गांधी ने कहा कि जितना ज्ञान आम आदमी को है, गांव के लोगों में है उतना कहीं नहीं है.
उन्होंने कहा कि इस प्रदेश में जो विपक्ष के नेता हैं, वे सोचते हैं कि नेता देश चलाते हैं, ग़रीब सिर्फ़ देखता रहता है. पिछले 22 सालों में करोड़ों युवाओं की ज़िन्दगी बर्बाद हुई. यह सोचने वाली बात है. राहुल गांधी आपसे झूठ नहीं बोलेगा. इस प्रदेश को चमकाने में जुटना होगा. मेरे पास कोई जादू की छड़ी नहीं है, जिससे एक दिन में यह प्रदेश, यह शहर बदल जाए. इसमें समय लगेगा. मगर, मुलायम सिंह जी कहते हैं बुंदेलखंड को इजरायल में बदल देंगे. जब वहां सूखा पड़ा तब नहीं गए वहां. अब मुलायम सिंह जी कहते हैं कि बिजली मुफ्त दे देंगे. कहां से देंगे? 22 सालों से एक भी कारख़ाना नहीं बना यहां. आसमान से बिजली के तार जाएंगे क्या? ऐसे काम नहीं होता, बिना खून-पसीना बहाये केवल आपका समय ज़ाया होता है. इसके बाद उन्होंने कहा कि वायदे सुनने हैं तो मुलायम, मायावती और बीजेपी के लोगों के पास जाइये. उनके पास बहुत से वायदे हैं.
किसानों के बारे में राहुल गांधी ने कहा कि बैंकों ने किसानों के लिए दरवाज़े बंद कर रखे थे, क़र्ज़ नहीं देते थे. हमने किसानों का 60 हज़ार करोड़ रुपये का क़र्ज़ माफ़ कराया और किसानों के लिए बैंकों के दरवाज़े एक बार फिर से खोले. उसके बाद बुनकरों ने हमसे कहा कि आपने किसानों को इज्ज़त दी, किसान की तरह हम भी मेहनत करते हैं, मगर सपा और बसपा सरकारें हमें इज्ज़त नहीं देतीं.
उन्होंने कहा कि बुनकर हमारे देश की शान हैं, हमने इन्हें प्रधानमंत्री जी के पास ले जाकर इनकी समस्याएं बताईं. प्रधानमंत्री जी ने पूरी बात सुनने से पहले ही मदद दे दी. हज़ारों करोड़ रुपये का बुनकर पैकेज दिया. क़र्ज़ माफ़ी, 2 लाख की लिमिट वाले बुनकर क्रेडिट कार्ड, धागों पर छूट दिलवाई.
उन्होंने कहा कि हम चुनाव जीतकर आपके पास आए, आपसे पूछा तो आपने बताया कि जिस तरह से शहरों में लोगों के आसानी से रोज़गार मिल जाता है, ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोज़गार उपलब्ध होना चाहिए. इस तरह मनरेगा दिया. आधारभूत ढांचे बिजली, सड़क, पानी, सीवर जैसी सुविधाओं के लिए जेएनआरयूएम द्वारा हज़ारों करोड़ रुपये दिए, 20-25 रुपये नहीं. यह सोच आपकी थी, आपने बताया, हमने किया. उन्होंने बताया कि दो दिन पहले मैंने यहां रात काटी, सोचा शहर देख लूं. गंगा घाट पर गया. बनारस के घाट हमारी धरोहर हैं. मगर वहां की दुर्दशा और गंदगी देखकर बहुत तकलीफ़ हुई. अगर इसे साफ़ रखा जाए तो जिस तरह पूरी दुनिया से पर्यटक राजस्थान के जयपुर, अजमेर जैसी जगहों पर जाते हैं वैसे ही वाराणसी और उत्तर प्रदेश की दूसरी जगहों पर ज़्यादा संख्या में आने लगेंगे.
राहुल गांधी ने भाजपा के इंडिया शाईनिंग नारे पर भी निशाना साधते हुए कहा कि 2004 में जब चुनाव हुए तो एनडीए के लोग आपके घरों में नहीं आए, आपके पास नहीं बैठे. 5 सालों तक राज किया और उनके सबसे बड़े नेता ने दिल्ली, लखनऊ में एसी कमरों में बैठकर सोचा कि अगर टीवी कह रहा है तो हिन्दुस्तान चमक रहा होगा. बाक़ी पार्टियां कहती रहीं कि ये कर देंगे, वो कर देंगे, यह बदल देंगे, वह बदल देंगे. हमने सबके लिए काम करने का वादा किया. मैं उत्तर प्रदेश को बदलने आया हूं और जब तक बदल नहीं दूंगा तब तक हिलूंगा नहीं यहां से.
कांग्रेस महासचिव ने जनता से कहा कि मैं उत्तर प्रदेश के गांवों में ज़्यादा दिखाई देता हूं, दिल्ली में कम, क्यों?’’ इसका खुलासा करते हुए उन्होंने बताया कि शहर, गांव को आम आदमी चलाता है. नेता या अफ़सर नहीं चलाते. अगर हिन्दुस्तान को आगे बढ़ाना है तो ग़रीब की, आम आदमी की आवाज़ को सरकार में शामिल करना होगा, तभी हम आगे बढ़ सकते हैं. आपने बताया कि बच्चे भूखे सो जाते हैं, ग़रीब आधी रोटी खाता है. आपकी बात को प्रधानमंत्री जी, सोनिया जी ने सुना और अब भोजन का अधिकार देने जा रहे हैं.
राहुल गांधी ने कहा कि हम बनारस को बदलने आए हैं, हम यहां नाटक करने नहीं आए. हमें और भी कई काम करने हैं. हम आपका समय ज़ाया नहीं करेंगे. मुझे करोड़ों अमीर मिले जो दिल के ग़रीब थे और करोंड़ों ग़रीब मिले जो दिल के अमीर थे. बड़े-बड़े होटलों, बिल्डिंगों में शक्ति नहीं होती. शक्ति आम आदमी के पास होती है.
उन्होंने कहा कि आप इस देश के सबसे बड़े प्रदेश से हो. हरियाणा, दिल्ली, केरल, महाराष्ट्र तक ने आपको विकास में पीछे छोड़ दिया. इन प्रदेशों में जहां भी प्रगति का काम हो रहा है, वहां उत्तर प्रदेश के लोग यह काम कर रहे हैं, चाहे वह केरल हो या हरियाणा. जहां पूछों कहेंगे कि गोरखपुर, कानपुर, इलाहाबाद से आए हैं. केरल में एक महिला से मैंने पूछा कि यूपी पीछे क्यों है? उसने कहा कि वहां के लोग विकास की बात नहीं करते. मुझे यूपी की जनता में कोई कमी नहीं दिखती, फिर भी 22 सालों से यहां कोई विकास नहीं हो रहा है.