स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. कांग्रेस पार्टी महासचिव राहुल गांधी को बड़ी जिम्मेदारी देने जा रही है. यह जिम्मेदारी क्या होगी अभी इसका खुलासा नहीं हो पाया है, लेकिन इतना साफ है कि सितंबर के बाद राहुल गांधी नए रंग में नज़र आएंगे.
घोटालों के कारण यूपीए सरकार की छवि खराब हुई है. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नेतृत्व अक्षम साबित हुआ है. आर्थिक मोर्चे पर यूपीए सरकार नाकाम होती दिख रही है. बढ़ती महंगाई, रुपये की कीमत में गिरावट जैसी आर्थिक चुनौतियां सरकार के सामने हैं. तीन रेटिंग एजेंसियों ने भारत की साख गिरा दी है. टाइम मैगजीन ने मनमोहन सिंह को कमजोर प्रधानमंत्री करार दिया है. यूपीए के घटक दल तृणमूल कांग्रेस आर्थिक सुधार की राह में रुकावट बनी हुई है.
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस को फायदा ये होगा कि राहुल गांधी युवा हैं. अगर राहुल गांधी 42 की उम्र में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनते हैं तो कांग्रेस को आगामी लोकसभा चुनाव में फायदा हो सकता है, क्योंकि एनडीए में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर भीषण संघर्ष छिड़ा हुआ है.
भ्रष्टाचार के कारण कांग्रेस की साख गिरी है. पार्टी में गुटबाजी हावी है. ग्रास रूट लेवल पर पार्टी संगठन कमजोर हुआ है. उत्तर प्रदेश और गोवा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है.