मुस्लिम विवाह विच्छेद अधिनियम-1939 द्वारा मुस्लिम पत्नीर को निम्नालिखित आधारों पर तलाक़ पाने का अधिकार दिया गया है-
1. चार वर्षों से पति के संबंध में कोई जानकारी न हो
2. पति दो वर्ष से उसका भरण-पोषण नहीं कर रहा हो
3. पति सात वर्ष या उससे अधिक का कारावास दे दिया गया हो
4. किसी समुचित कारण के बिना पति तीन वर्ष से अपने वैवाहिक दायित्वों का निर्वाह नहीं कर रहा हो
5. पति नपुंसक हो
6.  पति दो वर्ष से पागल हो
7. पति कुष्ठक रोग या उग्र रति रोग से पीड़ित हो
8. उसकी (पत्नीो) शादी 15 वर्ष की आयु पूरी होने से पहले हो चुकी हो और उसने पति के साथ सहवास न किया हो
9. पति का व्यनवहार क्रूर रहा हो
10. पति अन्य औरतों के साथ संबंध रखता हो और सहवास करता हो, और उस पर दूसरे आदमी के साथ संबंध बनाने पर दबाव डालता हो
11. पति ने पत्नी की सम्पत्ति को खुर्द-बुर्द कर दिया हो और उसके मौलिक अधिकारों मे अड़चन पैदा करता हो
12. पति-पत्नी के क़ुरआन के मुताबिक़ धार्मिक कामों में रुकावट डालता है
13. पति की एक से अधिक पत्नियां होने पर समानता का व्यवहार न करता हो
इसके इलावा और जो भी तलाक़ जनित पति द्वारा कार्य किए गए हों
मो. रफीक चौहान एडवोकेट 
करनाल (हरियाणा)

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