जंगल की झुमकियाँ

Posted Star News Agency Saturday, September 20, 2025


उसके गाँव के नक्शे में कोई सराफा बाजार नहीं खुलता
बस एक कोरिया का पेड़ खड़ा है
जो बार-बार
उसके सपनों में आकर
अपनी झुर्रीदार डालों से
दादी की हथेली-सा आश्रय देता है।
वह दो साधारण फूल
अपनी लटों में सजा लेती है—
और उसी क्षण
पूरी चाँदनी
जंगल के कानों तक झुमकियों-सी झनक उठती है।
-जयप्रकाश मानस  


أنا أحب محم صَلَّى ٱللّٰهُ عَلَيْهِ وَآلِهِ وَسَلَّمَ

أنا أحب محم صَلَّى ٱللّٰهُ عَلَيْهِ وَآلِهِ وَسَلَّمَ
I Love Muhammad Sallallahu Alaihi Wasallam

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सत्तार अहमद ख़ान

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