फ़िरदौस ख़ान
आदि अदृश्य नदी सरस्वती के तट पर बसे हरित प्रदेश हरियाणा ने हरित क्रांति के क्षेत्र में तो हमेशा से ही अपना लोहा मनवाया है, लेकिन अब सूचना क्रांति के क्षेत्र में भी यह प्रदेश निरंतर विकास की ओर अग्रसर है। हरियाणा में दूरदर्शन केंद्र है, आकाशवाणी केंद्र हैं, अनेक एफ़एम रेडियो धूम मचा रहे हैं। कई राष्ट्रीय स्तर के समाचार-पत्र यहां से प्रकाशित हो रहे हैं और क्षेत्रीय समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं ने भी जनमानस में अपनी पैठ बनाई है।

इस सबके अलावा एक ख़ास बात यह है कि देहात के कम पढे-लिखे लोग भी एफ़एम की तर्ज़ पर घर की चारदीवारी के भीतर रेडियो स्टेशन चलाकर जहां ग्रामीणों का मनोरंजन कर रहे हैं, वहीं उन्हें ज्ञानवर्धक जानकारी मुहैया करा रहे हैं। कार्यक्रमों में अपनी माटी की सौंधी ख़ुशबू होने के कारण ये जनमानस में ख़ासे लोकप्रिय हो रहे हैं।ऐसा ही एक छोटा-सा रेडियो स्टेशन सिरसा ज़िले के गांव अलीका में भी है। रेडिया अली नामक इस रेडियो स्टेशन को गांव के ही चार युवकों ने स्थापित किया है। गांव में इस रेडियो स्टेशन को बनाने की पहल करने वाले सुरेन्द्र सिंह के मुताबिक़ वर्ष 2000 में पहली बार उन्होंने रेडियो पर एम्पलीफ़ायर से रेंज देने की कोशिश की, जिसमें उन्हें कामयाबी मिली। इसके बाद उन्होंने अपने पिता की इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान में सीखे काम के बूते कुछ छोटे उपकरण बनाए और इसके ज़रिये रेडियो पर बोलना शुरू किया। रेडियो पर उनकी आवाज़ सुनाई देने लगी। यहीं से उनके सपनों को पंख लग गए और उन्होंने अपनी कोशिश जारी रखी। पहले उनके रेडियो को केवल 20 मीटर के दायरे तक ही सुना जा सकता था, लेकिन उन्होंने एम्पलीफ़ायर और उच्च क्षमता के अन्य उपकरणों के इस्तेमाल से आसपास के छह गांवों को कवर करने में कामयाबी हासिल कर ली। उनके रेडियो का प्रसारण गांव अलीका के अलावा झिडी, नागोकी, भीमां, थिराज और पंजुआना में हो रहा है।

रेडियो अली पर सुबह सात बजे से कार्यक्रमों का प्रसारण शुरू होता है। सबसे पहले कन्या भ्रूण हत्या, शिक्षा, स्वास्थ्य, संपूर्ण स्वच्छता अभियान, सीएफ़एल के इस्तेमाल और समाज कल्याण आदि सरकारी योजनाओं के बारे में ग्रामीणों से विचार सांझे किए जाते हैं। इसके बाद छात्रों और युवाओं के लिए रोंजगार से संबंधित कार्यक्रम पेश किया जाता है। इस कार्यक्रम के अंत में समस्याओं के समाधान के लिए टेलीफ़ोन कॉल्स को रिसीव किया जाता है और उनके सवालों के जवाब दिए जाते हैं। सुबह साढे सात बजे पंजाबी कलाकारों को समर्पित कार्यक्रम प्रसारित किया जाता है। इलाक़े में पंजाबी भाषी लोग होने के कारण इस कार्यक्रम को ख़ासा पसंद किया जा रहा है। आठ बजे फ़रमाइशी फ़िल्मी गाने सुनाए जाते हैं। प्रसारण के शुरू से लेकर आख़िर तक फ़ोन नंबर बताए जाते हैं, ताकि कोई भी ग्रामीण अपनी बात रेडियो स्टेशन के संचालकों तक पहुंचा सके।

रेडियो स्टेशन में उद्धोषक की भूमिका निभा रहे बलविन्द्र सिंह का कहना है कि कृषि से संबंधित जानकारी के लिए वे कृषि विशेषज्ञों को बुलाने की कोशिश करते हैं, ताकि समय पर खेती के बारे में ज़रूरी जानकारी दी जा सके। रेडियो अली के संचालकों का कहना है कि रेडिया स्टेशन के निर्माण पर क़रीब ढाई हज़ार रुपए की लागत आई है। उन्होंने घर में मौजूद टेलीफ़ोन और डीवीडी प्लेयर का इस्तेमाल किया है, जबकि एम्पलीफ़ायर, माईक व अन्य उपकरण बाज़ार से ख़रीदने पडे।इसी तरह हिसार ज़िले की अग्रोहा तहसील के गांव लालवी के क़रीब 40 वर्षीय चम्पत सिंह भी पिछले छह सालों से गांव में रेडियो स्टेशन चला रहे हैं। उनकी रेडियो और टेप रिकॉर्डर की मरम्मत करने की दुकान है। यहीं पर लंबे समय तक काम करने के कारण उन्हें बिजली के उपकरणों की जानकारी मिली और फिर उन्होंने ख़ुद का रेडियो स्टेशन बनाने का फ़ैसला किया। उनका पुश्तैनी धंधा खेतीबाडी है। इसलिए वे अपने रेडियो स्टेशन के माध्यम से ग्रामीणों को कृषि संबंधी जानकारी देते हैं। इसके अलावा वे गांव में होने धार्मिक, सामाजिक और निजी समारोहों की सूचना भी प्रसारित करते हैं।

हरियाणा के गांवों में इस तरह के रेडियो स्टेशनों की बढ़ती लोकप्रियता की एक वजह यह भी है कि इनके कार्यक्रम जनमानस से जुडे होते हैं। इसके अलावा गांवों के कलाकारों को भी अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए महत्वपूर्ण मंच मिल गया है। युवा ही नहीं बुज़ुर्ग भी, यहां तक कि महिलाएं भी हरियाणवी गीत गाकर इलाक़े में 'स्टार' बन गई हैं।

श्रीनगर में लंबे समय तक ऑल इंडिया रेडियो के वरिष्ठ संवाददाता रहे और हिसार दूरदर्शन केंद्र के पूर्व समाचार निदेशक अजीत सिंह बिना लाइसेंस घरों में शुरू किए गए रेडियो स्टेशनों को अवैध मानते हैं। उनका कहना है कि इनकी फ्रीक्वेंसी सूचना तंत्र को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा इनका ग़लत इस्तेमाल किए जाने की आशंका भी बनी रहती है। साथ ही उनका कहना है कि गांवों में एफ़एम को बढावा दिया जाना चाहिए। गौरतलब है कि सरकार ने हरियाणा में क़रीब 100 एफ़एम रेडियो स्टेशनों के लाइसेंस दिए हैं, जिनमें से छह एफ़एम रेडियो स्टेशन ऑल इंडिया रेडियो से संबध्द हैं। इनमें से चार एफ़एम रेडियो स्टेशन हिसार और दो एफ़एम रेडियो स्टेशन करनाल में हैं। हरियाणा के रोहतक, कुरुक्षेत्र और हिसार स्थित आकाशवाणी केंद्रों के कार्यक्रम दूर-दराज़ के इलाकों में सुनाई नहीं देते। इसके अलावा इनके कार्यक्रमों में संदेश या सूचनाएं भरी होती हैं जिससे ये आम जनता से नहीं जुड पाते।

क़ाबिले-गौर है कि वर्ष 1995 में सुप्रीम कोर्ट के उस फ़ैसले ने देश में रेडियो के प्रचार-प्रसार में अहम भूमिका निभाई, जिसमें कहा गया था कि एयरवेव्स जनता की संपत्ति है। इसलिए इस पर जनता का अधिकार होना चाहिए और इसका इस्तेमाल जनता के हित में होना चाहिए। इसके बाद वर्ष 2002 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बिना किसी व्यावसायिक हित के सामुदायिक रेडियो चलाने वाले शैक्षिक संस्थानों को लाइसेंस देने का ऐलान किया। इसके तहत एक फ़रवरी 2004 को चेन्नई के अन्ना विश्वविद्यालय और 15 मार्च 2005 को दिल्ली के जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय में परिसर सामुदायिक रेडियो की शुरुआत हुई। हालांकि हरियाणा के गांवों में पिछले कई सालों से इस तरह के रेडियो स्टेशन चल रहे हैं। अगर इन रेडियो स्टेशनों को वाजिब शुल्क में लाइसेंस दे दिए जाएं तो इससे जहां ग्रामीणों को फ़ायदा होगा, वहीं इनके कार्यक्रमों में भी निखार आएगा। टेलीकॉम रेगुलेटर अथॉरिटी ऑंफ इंडिया की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि रेडियो सिर्फ़ मनोरंजन का साधन ही नहीं, बल्कि लोगों के काम आने वाली रोज़मर्रा की सूचनाओं के लिए भी उतना ही ज़रूरी है।


फ़िरदौस ख़ान का फ़हम अल क़ुरआन पढ़ने के लिए तस्वीर पर क्लिक करें

या हुसैन

या हुसैन

फ़िरदौस ख़ान की क़लम से

Star Web Media

सत्तार अहमद ख़ान

सत्तार अहमद ख़ान
संस्थापक- स्टार न्यूज़ एजेंसी

ई-अख़बार पढ़ें

ब्लॉग

  • ज़िन्दगी - हमने ज़िन्दगी में जो चाहा वह नहीं मिला, लेकिन उससे कहीं ज़्यादा मिला. ज़मीन चाही, तो आसमान मिला... इतना मिला कि अब कुछ और चाहने की 'चाह' ही नहीं रही. * ज़िन...
  • आत्मा, भूत-प्रेत - सबसे पहले हम बात करते हैं अकाल मौत की. हक़ीक़त ये है कि अल्लाह ने हर जानदार की मौत का एक वक़्त मुक़र्रर कर रखा है. जब, जहां, जैसे जिसकी मौत लिखी हुई है, उसी त...
  • Desires - There comes a time in life when a person gets tired of struggling. His desires die.The hope ends. Then he has no hope of anything good happening in life....
  • میرے محبوب - بزرگروں سے سناہے کہ شاعروں کی بخشش نہیں ہوتی وجہ، وہ اپنے محبوب کو خدا بنا دیتے ہیں اور اسلام میں اللہ کے برابر کسی کو رکھنا شِرک یعنی ایسا گناہ مانا جات...
  • हमारा जन्मदिन - कल यानी 1 जून को हमारा जन्मदिन है. अम्मी बहुत याद आती हैं. वे सबसे पहले हमें मुबारकबाद दिया करती थीं. वे बहुत सी दुआएं देती थीं. उनकी दुआएं हमारे लिए किस...
  • 25 सूरह अल फ़ुरक़ान - सूरह अल फ़ुरक़ान मक्का में नाज़िल हुई और इसकी 77 आयतें हैं. *अल्लाह के नाम से शुरू, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है*1. वह अल्लाह बड़ा ही बाबरकत है, जिसने हक़ ...
  • ਅੱਜ ਆਖਾਂ ਵਾਰਿਸ ਸ਼ਾਹ ਨੂੰ - ਅੱਜ ਆਖਾਂ ਵਾਰਿਸ ਸ਼ਾਹ ਨੂੰ ਕਿਤੋਂ ਕਬੱਰਾਂ ਵਿਚੋਂ ਬੋਲ ਤੇ ਅੱਜ ਕਿਤਾਬੇ-ਇਸ਼ਕ ਦਾ ਕੋਈ ਅਗਲਾ ਵਰਕਾ ਫੋਲ ਇਕ ਰੋਈ ਸੀ ਧੀ ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਤੂੰ ਲਿਖ ਲਿਖ ਮਾਰੇ ਵੈਨ ਅੱਜ ਲੱਖਾਂ ਧੀਆਂ ਰੋਂਦੀਆਂ ਤ...

एक झलक

Followers

Search

Subscribe via email

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

साभार

इसमें शामिल ज़्यादातर तस्वीरें गूगल से साभार ली गई हैं